November 23, 2024

दयाल सिंह पब्लिक स्कूल सेक्टर सात की भूतपूर्व छात्रा ने रच दिया इतिहास। विद्यालय की भूतपूर्व छात्रा प्रिया गुप्ता ने हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त किया है और यह स्थान प्राप्त करते ही, वह न्याय की कुर्सी पर आसीन हो कर एक मिसाल बन कर करनाल की लड़कियों के बीच उभरी हैं ।

न्यायिक सेवा की परीक्षा टॉप करने वाली प्रिया गुप्ता पहुंची दयाल सिंह सेक्टर सात विद्यालय पहुंचने पर सारा विद्यालय प्रिया गुप्ता की सफलता का समाचार पाकर खुशी से झूम उठा । दयाल सिंह ट्रस्ट सोसायटी के जनरल मैनेजर रिटायर्ड प्रोफेसर बी.आर गुलाटी ने विद्यालय के प्रांगण में बच्चों के बीच उन्हें पाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रिय गुप्ता की भांति अन्य विद्यार्थियों को भी कर्मठ बनने का आशीर्वाद दिया ।

विद्यालय की एकेडमिक एडवाइजर, श्रीमती नीना राय सिंह ने सभी विद्यार्थियों के बीच में भूतपूर्व छात्रा प्रिया गुप्ता को पाकर अपनी खुशी जाहिर की और उन्हें भावी जीवन के लिए आशीर्वाद दिया तथा अपनी सिखलाई सीख पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि प्रिया बचपन से ही कर्मठ और परिश्रमी रही हैं, जिसका पारितोषित उसे आज इस रूप में प्राप्त हुआ है।

विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी नारंग ने भी प्रिया गुप्ता को आशीर्वाद देते हुए भावी जीवन में सभी के लिए एक आदर्श और उदाहरण बन कर जीवन जीने और न्याय की नवीन परिभाषाएं रचने का आशीर्वाद दिया।

विद्यालय में हुआ भव्य स्वागत। विद्यालय पहुंचने पर विद्यार्थियों और समस्त अध्यापक – अध्यापिकाओं के बीच उनका भव्य स्वागत हुआ । भूतपूर्व छात्रा प्रिया गुप्ता ने विद्यालय के प्रांगण में सभी विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए । उन्होंने बताया कि उन्होंने किस प्रकार 2013 में 12वीं कक्षा पास होने के बाद कड़ी मेहनत की और उपलब्धियाँ अर्जित की। विद्यालय में बारह वर्ष बिताने के बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए वह पंजाब यूनिवर्सिटी चली गई लेकिन कानून की पढ़ाई के लिए उनका मन अचानक नहीं बना।

बचपन में पाई सीख को किया साकार। उन्होंने अपने मन में बचपन से एक सपना पाला था, जो उनकी उस समय की प्रधानाचार्या श्रीमती नीना रॉय सिंह ने एक बार बातों ही बातों में उन्हें न्याय और न्यायधीश क्या होता है ? बतलाया था । आज विद्यालय पहुंचने पर भूतपूर्व छात्रा प्रिया गुप्ता ने अपने उसी पल को याद करते हुए, वर्तमान की एकेडमिक एडवाइजर श्रीमती नीना रॉय सिंह से कहा कि आज उसने न्याय और न्यायधीश के कार्य को सही अर्थ में पहचान और समझ लिया है और भावी जीवन में आपके बताए हुए उस अर्थ को प्रासंगिक करती रहूंगी।

प्रिया गुप्ता ने साक्षात्कार में पहला स्थान प्राप्त किया है। अपने कड़े परिश्रम और माता पिता तथा अध्यापकों के मार्गदर्शन से प्रिया गुप्ता ने राजस्थान ज्यूडिशियरी की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करते हुए छठा रैंक हासिल किया।

अभिभावकों को दिया संदेश प्रिया गुप्ता ने अपने जीवन के अनुभव के आधार पर अध्यापकों के बीच में सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि बेटियों की शिक्षा पर खर्च करना ही है फिक्स डिपाजिट है । उनकी शादी की चिंता ना कर पहले उन्हें शिक्षित करें। बेटियाँ आज प्रत्येक कार्य को करने में सक्षम हैं, बस उन्हें आवश्यकता है तो अवसर और प्रेरणा की, जो उन्हें उनके माता-पिता और अध्यापकों से भरपूर मात्रा में मिल सकते हैं ।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को बचपन से ही अपने मन में एक सपना पालना चाहिए और उस सपने को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए। माता पिता को भी अपने बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए पूरी मदद और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। किसी भी सपने को पूरा करने के लिए विद्यालय एक सर्वोत्तम स्थान है, जहां वह उसे पूरा करने की नींव डाल सकते हैं। उन्होंन बताया कि दयाल सिंह सेक्टर सात विद्यालय ने उनके उस सपने की नींव डालने का सफल कार्य किया । अनुभव किए साझा । विद्यालय में हुई पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के कारण ही वह इंटरव्यू में पहला स्थान लेने में सफल रही । उसके निर्माण में दयाल सिंह पब्लिक स्कूल, पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग का योगदान रहा है । उन्होंने पंजाब विश्व विद्यालय से एल.एल.बी और एल.एल.एम किया। विद्यालय में शिक्षा के दौरान वह स्पोर्ट्स कैप्टन भी रह चुकी हैं।

उन्होंने अपने पिता से जज के समक्ष आने और होने वाली चुनौतियों के बारे में जाना। प्रिया गुप्ता ने बताया कि अपने अध्यापक – अध्यापिकाओं के ऊपर भरोसा करने वाले छात्र जीवन में कभी निराशा नहीं पाते हैं। वे जीवन में सफलताओं के चरम शिखर पर पहुंच ही जाते हैं। आज उन्हें जीवन में मिली उपलब्धियाँ इन्ही अध्यापक -अध्यापिकाओं के मार्गदर्शन पर चलने के कारण ही मिल पाई हैं।

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