शामली में हुए चौहरे हत्याकांड जिसको लेकर अभी भी कई सवाल ऐसे हैं जिसके जवाब ना पुलिस के पास हैं और ना अजय पाठक के रिश्तेदारों के पास और उन जवाबों को लेकर सब असमंजस में हैं। वो सवाल ये है कि क्या अकेले ही अजय पाठक के शिष्य हिमांशु सैनी ने अजय पाठक के पूरे परिवार को मौत के घाट उतारा या फिर हिमांशु के साथ इस वारदात को अंजाम देने में उसके कई साथी भी शामिल थे। ये एक ऐसा सवाल है जिसको लेकर अभी तक कोई भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
वहीं इस केस में पानीपत पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठते नज़र आ रहे हैं । शामली की पंजाबी कॉलोनी के चौहरे हत्याकांड में पुलिसिया जांच व राजफाश को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सभी कह रहे हैं कि कोई अकेला शख्स चार लोगों को नहीं मार सकता। दूसरी ओर पुलिस की लिखा पढ़ी बेहद लचर है। पानीपत टोल प्लाजा पर अजय पाठक की ईको-स्पोर्टस गाड़ी के आग लगने व आरोपित के पकड़े जाने का समय तक लिखा पढ़ी में दर्ज नहीं किया गया है।
पानीपत के सेक्टर 13/17 थाने से जुड़ी पीसीआर के प्रभारी राजकुमार का एक पत्र सोशल साइट पर वायरल हो रहा है। इसमें अजय पाठक इको स्पोर्टस कार की पानीपत टोल प्लाजा से जली हालत में मिलने की पूरी घटना दर्ज की गई है। इसमें बताया गया है कि 31 दिसम्बर को शाम 6.30 बजे पानीपत कंट्रोल रूम से शामली में तीन हत्या व इको कार गायब होने व चेकिंग की सूचना दी गयी।
बताया गया कि पानीपत टोल प्लाजा से सौ मीटर दूर एक युवक को अपनी कार को आग लगाते हुए ई-8 डिप्टी एसपी सिटी ने पकड़ा। फायर बिग्रेड ने आकर कार की आग बुझायी। कार से एक डेड बॉडी भी बरामद हुई। रिपोर्ट में कहा गया, कार व बॉडी बरामद होने की सूचना शामली पुलिस कंट्रोल रुम को दी गयी और आरोपित को सेक्टर 13/17 थाने के हवाले कर दिया गया। मौके पर डिप्टी एसपी, सीआए प्रथम व द्वितीय को भी मौजूद बताया गया।
इस पूरी रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं किया गया कि गाड़ी में आग लगाने, आरोपित को पकड़ने, कार से आग बुझाने व कार से बॉडी किस समय बरामद की गयी। हरियाणा पानीपत पुलिस की पीसीआर रिपोर्ट में घटनाक्रम का समय दर्ज न करने का आखिर कारण क्या है? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
बहराल यूपी पुलिस और हरियाणा पुलिस दोनों मिलकर इस केस की एक एक कड़ी को सुलझाने में लगे हुए हैं, उम्मीद है आने वाले दिनों में इस केस के कई और राज सामने आ सकते हैं।