December 23, 2024
550

गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर निफ़ा द्वारा शिरोमणि गतका फ़ेडरेशन आफ इंडिया के सहयोग व बाबा सुखा सिंह डेरा कार सेवा के मर्गदर्शन में करनाल से शुरू हुई गुरु नानक सद्भावना यात्रा के उद्देश्यों को मानवता के हित में बताते हुए उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल प्रोफ़ेसर गनेशी लाल ने आज एक एतिहासिक पहल करते हुए उड़ीसा राजभवन में इस महान प्रकाश पर्व को समर्पित पौधा लगाया जिसमे गुरु नानक देव जी की पवित्र जनम भूमि ननकाना साहेब की पवित्र मिटी व पंजा साहेब का जल डाला गया।

उन्होंने इस पौधे पर विशेस प्लेटलगाने के आदेश दिए ताकि गुरु जी के जनम के 550वे जनम वर्ष की याद राज भवन में सदैव बनी रहे। गुरु नानक देव जी द्वारा की गई चार उदासियों (यात्राओं) के मार्ग पर चल रही गुरु नानक सद्भावना यात्रा का उड़ीसा की भूमि पर स्वागत करते हुए राज्यपाल प्रफ़ेसर गनेशी लाल ने कहा कि आप “एक पिता एक्स के हम बारिक” का जो संदेश इस यात्रा के माध्यम से पूरी दुनिया को दे रहे हैं वो वास्तव में भारत के विश्व कुटिम्बकुम की भावना को आगे बढ़ाने वाला है।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के बाँट कर खाने ओर किरत करो के सिद्धांत को अपनाने की आज आवश्यकता है ओर वेदों व उपनिषदों में भी इस सिद्धांत का संदेश दिया गया है। 10 देशों में 40000 मील से ज़्यादा का सफ़र तय कर 55000 पेड़ लगाने के निफ़ा व शिरोमणि गतका फ़ेडरेशन आफ इंडिया के संकल्प की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी बल्कि अच्छे स्वास्थ्य का संदेश भी देश व दुनिया में जाएगा।

इस अवसर पर निफ़ा चेयरमैन प्रीतपाल सिंह पन्नु, व गतका फ़ेडरेशन के प्रधान गुरतेज़ सिंह खालसा व अन्य साथियों की ओर से राज्यपाल को शाल ओढ़ाकर व ममेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया।

यात्रा के सदस्यों ने आज उड़ीसा राज भवन में राज्यपाल से भेंट की व उन्हें गुरु जी के 550वे प्रकाश पर्व के अवसर पर उनके गृह राज्य हरियाणा के करनाल ज़िला से शुरू हुई यात्रा के उद्देश्य व अब तक के अपने सफ़र के बारे में बताया की दूसरे चरण में यात्रा उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, नेपाल, बिहार, सिक्किम, असम, पश्चिमी बंगाल व बांग्लादेश के गुरु नानक देव जी के स्थानो से होते हुए उड़ीसा पहुँची है व गुरु नानक देव जी से सम्बंधित स्थानो के दर्शन करने के साथ साथ वहाँ गुरु नानक देव जी के 550वें वर्ष को समर्पित पौधे भी लगा रही है।

इसी कड़ी में आज जहाँ कटक गुरुद्वारा साहेब में पौधे लगाए गए वहीं राज्यपाल ने अपने हाथो से गुरुद्वारा गुरु नानक दातुन साहेब कटक की मैनज्मेंट कमेटी के प्रधान जगराज सिंह व अन्य कमेटी सदय्यो ओर निफ़ा की उड़ीसा टीम के नव नियुक्त प्रधान ज्ञानसतपथि ओर अन्य टीम मेम्बर्ज़ को ननकाना साहेब की पावन मिट्टी व पंजा साहेब का जल भेंट किया जिस से उन्होंने उड़ीसा के विभिन्न जिलो में गुरु नानक देव जी की शताब्दी को समर्पित पेड़ लगाने की घोषणा की।

इस से पूर्व ऐतहासिक गुरुद्वारा गुरु दातुन साहेब में सैंकड़ों की तादाद में संगत ने गुरु नानक सद्भावना यात्रा का स्वागत किया व निफ़ा की ओर से गुरु जी की शिक्षाओं पर आधारित नाटक “एह लहू किसदा है” का मंचन किया गया ओर शिरोमणि गतका फ़ेडरेशन की ओर से सिख शस्त्र विद्या गतका का प्रदर्शन किया।

मानवीय एकता का प्रतीक थे गुरु नानक।

यात्रा के दूसरे चरण के अनुभवो के आधार पर निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने कहा कि गुरु नानक का व्यक्तित्व इतना विशाल व सारवभौमिक है कि उसे केवल सिख धर्म तक सीमित रखना ओर कहना कि वो केवल सिखों के गुरु थे उनके सिधांतो के विरुद होगा। उन्होंने बताया कि नेपाल में वहाँ के स्थानीय लोग गुरु नानक मठ की देखभाल करते हैं व विश्व प्रसिद्द पशुपतिनाथ मंदिर के कपाट गुरु नानक मठ से फूल व जल चड़ाने के बाद ही खोले जाते हैं।

सिक्किम में वहाँ के लोग गुरु नानक देव जी को अपना बौध लामा मानते हैं व उनके नानक लामा कहते हैं। बांग्लादेश में स्थानीय बंगाली हिंदू व मुसलमान वहाँ के ऐतहासिक गुरु घरों की देखभाल व प्रबंध करते हैं। यहाँ तक कि गुरुद्वारा नानक शाही की ज़मीन को क़ब्ज़े से बचाने के लिए एक स्थानीय मुसलमान को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा। यात्रा में उन्हें ऐसे ऐसे किससे पता चल रहे हैं जो गुरु नानक देव जी के सार्वभौमिक व्यक्तित्व की गवाही भरते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.