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डा० आदित्य दहिया ने बुधवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में कृषि विभाग की ओर से आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और क्लाईमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के सफल आयोजन के लिए अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव को जिम्मेदारी सौंपी।

उन्होंने बैठक में उपस्थित कृषि अधिकारी से क्लाईमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली और कहा कि  जिला में इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाएं। इस प्रोजेक्ट के लिए जिन-जिन विभागों से सहयोग की जरूरत है उनसे लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो और ग्रामीणों के बीच में जाकर इस बारे बातचीत करें। उन्होंने कहा कि लोगों की जागरूकता के लिए शिविर का आयोजन करवाएं तथा प्रचार सामग्री वितरित करें।
बैठक में उपकृषि निदेशक ने बताया कि ग्लोबिंग वार्मिंग को रोकने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा क्लाईमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट तैयार किया है इस प्रोजेक्ट पर करीब 22 करोड़ रूपये की धनराशि नाबार्ड द्वारा खर्च की जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत फसल विविधिकरण को अपनाते हुए पैडी की जगह मक्का की फसल, जीरो टिल मशीन का प्रयोग, ग्रीन सिकर सॉफ्टवेयर का प्रयोग, पराली के जलाने पर रोक तथा लेजर लैंड लेवल आदि कार्य किया जाना है। लेजर लैंड लेवलिंग से पानी व बिजली की बचत होती है तथा बिजली कारखानों में कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों की भी बचत होती है।
उन्होंने बताया कि क्लाईमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के क्रियान्वन के लिए प्रथम चरण में दस गांवों का चयन किया गया है इनमें दहा, ऊंचा समाना, फूसगढ़, कैलाश, टपराना, दलियानपुर, कलवेहड़ी व रतनगढ़ गांव शामिल है। इन सभी गांवों में पंचायत विभाग, बागवानी विभाग तथा पंचायती राज के इंजीनियर की टीम द्वारा  संयुक्त रूप से ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव, डीडीपीओ कुलभूषण बंसल, उपकृषि निदेशक डा० प्रदीप मिल तथा पंचायती राज के कार्यकारी अभियन्ता रामफल सिंह उपस्थित थे।

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