- अमरीका की स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया सिग्नस हस्पताल का दौरा, स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली।
- आयुष्मान भारत योजना से प्रभावित हुए विदेशी छात्र, कहा हमें हैरानी हुई भारत मे कि गरीब मरीज निजी हस्पतालो में भी ले सकता है इलाज।
करनाल: आज अमरीका की जानीमानी और विश्व की नम्बर एक यूनिवर्सिटी माने जाने वाली स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो छात्रों ने करनाल के संजीव बंसल सिग्नस हस्पताल का दौरा किया।जिन छात्रों ने सिग्नस हस्पताल में दौरा किया उनके नाम डेविड रोसेंजवैग और एंड्रिया चांग है।दोनों छात्रों ने बताया कि हर वर्ष उनकी यूनिवर्सिटी विश्व के अलग अलग देशों में अनेकों विषयो पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए भेजा जाता है।
इस वर्ष उन्हें भारत में निजी और सरकारी हस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के लिए भेजा गया है जिसमे सिग्नस हस्पताल करनाल को उन्होंने डॉक्यूमेंट्री बनाने का निर्णय लिया है।एंड्रिया ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री के लिए उन संगठनों का चयन किया गया है जो अपने क्षेत्र में असामान्य और प्रभावशाली तरीके से कार्य कर रहे हैं।एंड्रिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ वर्ष पहले तक हरियाणा में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं थी और इसी कड़ी को सुधारने के लिए सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने तृतीय श्रेणी शहरों में अपनी सेवाओं को देना शुरू किया जिसकी हम सराहना करते है।
डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली छात्रा एंड्रिया ने बताया कि इंटरनेट पर पूरी जानकारी लेने के बाद उन्होंने सिग्नस का चुनाव किया और वो आज संजीव बंसल सिग्नस हस्पताल पहुंची है। हस्पताल पहुंचने पर सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के प्रबंधन निदेशक डाक्टर शुचिन बजाज, संजीव बंसल सिग्नस हस्पताल करनाल के चिकित्सक निदेशक डाक्टर परवेज सोफी और इकाई प्रमुख डाक्टर रूपेश सक्सेना ने उनका भारतीय संस्कृति के अनुरूप पुष्प गुच्छ और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।
उसके बाद अमरीका से आये छात्र डेविड रोसेंजवैग और एंड्रिया ने कई मरीजो से बात की और उनसे भारत मे मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं सम्बंधित सवाल पूछे।इस दौरान दो मरीज ऐसे आयुष्मान भारत के तहत हस्पताल में इलाजे ले रहे थे।सरकार द्वारा मरीजो को निजी हस्पतालों में आयुष्मान भारत के तहत इलाजे मिलने वाली आयुष्मान भारत योजना से छात्र काफी प्रभावित हुए।उन्होंने कहा कि पिछले दस साल के मुकाबले भारत मे स्वास्थ्य सुविधाओ में काफी सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि निजी हस्पताल इस संदर्भ में यदि अपनी भूमिका को और गम्भीरता से निभाये तो नतीजे बेहतरीन हो सकते है।अंत मे उन्होंने संजीव बंसल सिग्नस हस्पताल द्वारा मरीजो को दी जाने वाली सुविधाओं और साफ सफाई की व्यवस्था पर अपनी सन्तुष्टि जाहिर की और कहा कि हस्पताल हर तरह के मरीजो को सुविधाएं देने में सक्षम है ।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए सिग्नस हस्पताल के प्रबंधन निदेशक डाक्टर शुचिन बजाज ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्व की सबसे बड़ी माने जाने वाली स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने हमारे हस्पताल को सर्वेक्षण व डॉक्यूमेंट्री के लिए चुना।उन्होंने कहा कि हमारे कंधों पर अब जिम्मेवारी और भी अधिक हो गई है और हम सभी मरीजो को बेहतर इलाज देने के ये वचनबद्ध है।
दोनो छात्र सिग्नस के बाकी अस्पतालों का भी दौरा करेंगे व वहाँ की सुविधाओं का भी जायज़ा ले कर अपनी डॉक्युमेंटरी में दिखाएँगे। दोनो छात्रों ने कहा कि भारत मे चल रही आयुष्मान योजना के बारे में वो जाकर अपनी यूनिवर्सिटी में भी बताएंगे जिससे लाखो लोग भारत मे लाभ ले रहे है।