( रिपोर्ट – कमल मिड्ढा ): सी एम सिटी करनाल नगर निगम में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। शहर का कूड़ा उठाने में लगाए ट्रैक्टर और कर्मचारी चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सुरेंद्र चोपड़ा के खेत में गोबर की खाद डालने में लगा दिए गए। निगम और ठेकेदार के पांच ट्रैक्टर सुबह से शाम तक फूसगढ़ गोशाला से 62 किमी दूर पानीपत के खंडरा गांव में खाद ढो रहे।
करनाल के एक पार्षद बलविंदर सिंह ने सोमवार को फूसगढ़ गोशाला से चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर के खेत तक इनका पीछा किया। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निगम के ट्रैक्टर नंबर एचआर-05ए-2387 और कांट्रैक्टर पर कार्यरत ड्राइवर ऋषि, सफाई कर्मचारी ऋषि और मनीष को भी इसी काम में लगाया हुआ है।
एक महीने से निगम की मशीनरी और कर्मचारी इंस्पेक्टर के खेतों में लगे हैं। अब 10 दिनों से खाद डालने का काम किया जा रहा है। चारो ठेकेदारों के ट्रैक्टर इसी काम में लगे हैं। इसका पूरा खर्च निगम उठा रहा है। एक ट्रैक्टर लगा रहा चार से पांच चक्कर
इंस्पेक्टर के खेत में खाद डालने के काम में लगा प्रत्येक ट्रैक्टर चार से पांच चक्कर लगा रहा है। सोमवार को पांच ट्रैक्टर इस काम में लगे थे। ट्रैक्टर ड्राइवर बलवान ने बताया कि उन्हें तो यहां खाद डालने के लिए बोला गया है। निगम के एक अन्य ट्रैक्टर के चालक ऋषि ने बताया कि उसे और उसके साथियों को इंस्पेक्टर चोपड़ा ने उनके खेत में काम करने के लिए कहा है। इसीलिए खाद लेकर गांव खंडवा आए हैं।
लगाए गए खाद के ढेर
इंस्पेक्टर के खेत में खाद के ढेर लगाए जा रहे हैं। आस-पास के किसानों ने बताया कि जो खाद पांच खेतों में डलनी चाहिए, वह एक खेत में ही डाली जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि अलसुबह से ही खाद से भरे ट्रैक्टर आना शुरू हो जाते हैं। देर शाम तक यह सिलसिला चलता रहता है। ऐसे किया जा रहा भ्रष्टाचार
निगम ने शहर की सफाई का काम 27 करोड़ रुपये सालाना ठेके पर दे रखा है। ठेकेदारों को तो उनका पैसा मिल ही रहा है, इसलिए विरोध नहीं करते। अब शहरवासियों के टैक्स से जुटाया गया पैसा सेनेटरी इंस्पेक्टर के निजी काम पर खर्च किया जा रहा है।
ठेकेदार सीधे तौर पर सेनेटरी इंस्पेक्टर के प्रति जवाबदेह हैं, इसी का फायदा उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं बदले में ठेकेदारों को भी मनमानी करने का मौका मिल जाता है। फूसगढ़ स्थित गोशाला के संचालक कृष्ण गर्ग से 5100 रुपये की पर्ची कटवाने के बाद खाद ली है।
पहले भी 11 हजार रुपये की पर्ची कटवाकर खाद ले चुका हूं। गांव में खाद ले जाने और वहां काम करने के लिए निगम के ट्रैक्टर और कर्मचारियों को नहीं लगाया है।
यह मामला मेरेसंज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी। चेक किया जाएगा कि वहां निगम के ट्रैक्टर थे या नहीं। यदि आरोप साबित होते हैं तो वह इसे करने वाले को छोड़ेंगे नहीं। अभी किसी को भी कठघरे में खड़ा करना गलत है। जांच के बाद ही स्थिति स्प्ष्ट होगी। – राजीव महता, कमिश्नर, नगर निगम, करनाल।
500 रुपये की खाद पर 5000 खर्च – करनाल नगर निगम में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। निगम के ट्रैक्टरों से चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर के खेतों में गोबर की खाद डाली जा रही है।
निगम में भ्रष्टाचार इस हद तक है कि 500 रुपये की खाद को खेत में पहुंचाने के लिए पांच हजार खर्च किए जा रहे हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर के खेत की दूरी फूसगढ़ गोशाला से 62 किमी है। लोड ट्रैक्टर एक लीटर डीजल में औसतन पांच किमी दूरी तय करता है। तीन कर्मचारी ट्रॉली में खाद भरने और उतारने में लगे हैं।
चालक, यानी कुल खर्च औसतन पांच हजार रुपये प्रति ट्रॉली पड़ रहा है। एक ट्रॉली खाद की कीमत लगभग 500 रुपये है।
ठेकेदारों की होनी चाहिए जांच
पार्षद बलविद्र सिंह ने मांग की है कि ठेकेदारों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। यह सीधे भ्रष्टाचार है। कहीं न कहीं ठेकेदार भी अधिकारियों से मिले हैं। मामला सिर्फ खाद ढोने का नहीं है, अधिकारी ठेकेदार से हर तरह की सुविधा ले रहे हैं।
पार्षद बलविद्र ने कहा कि यह भ्रष्टाचार मेयर और कमिश्नर की जानकारी के बिना नहीं हो सकता। दोनों को इसकी जानकारी जरूर होगी। इसलिए इनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। जब अधिकारी ही इस तरह से निगम का पैसा उड़ाएंगे तो कैसे भ्रष्टाचार रोका जा सकता है।
यह जनता का पैसा है, जनता पर ही खर्च होना चाहिए। सीएम मनोहर लाल जहां दिन रात भ्रष्टाचार मिटाने की मुहिम चलाए हैं, वहीं उनके विधानसभा क्षेत्र के निगम में भ्रष्टाचार का खुला खेल हो रहा है। इसके साथ ही सभी ठेकेदार ब्लैक लिस्ट होने चाहिए।