करनाल गत लोकसभा चुनाव में करनाल सीट पर भाजपा का कब्जा होने के बावजूद जिस तरह इस बार भी भाजपा जीत के ओवर कांफिडेंस में चल रही है उससे साफ है कि भाजपा जमीनी हकीकत से नावाकिफ नजर आ रही है ! दूसरी ओर कांग्रेस चुनाव में कछुए की चाल से चलते हुए फूंक फूंक कर कदम रख रही है ! गौरतलब है कि भाजपा शुरू से ही करनाल को जीती हुई सीट मान कर चल रही है, यही कारण है कि इस सीट पर किसी मंजे हुए राजनीतिक खिलाड़ी को टिकट न देकर संगठन के पदाधिकारी संजय भाटिया को टिकट दिया गया !
यह सर्वविदित है कि पानीपत में संजय भाटिया को लोग जानते है परन्तु करनाल जिला के लोग संजय भाटिया को जानते तक नहीं , यही कारण है कि संजय भाटिया पानीपत की बजाय करनाल में ज्याादा पसीना बहा रहे है ! उल्लेखनीय है कि भाजपा ने सबसे पहले अपना उम्मीदवार घोषित किया जबकि कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम समय में कुलदीप शर्मा को उम्मीदवार बनाया था ! यही कारण रहा कि भाजपा के उम्मीदवार संजय भाटिया ने पहले ही लोगों के बीच में जाकर अपना प्रचार शुरू कर दिया था ,जबकि कुलदीप देरी से प्रचार शुरू कर पाए !
यह सत्य है कि कुलदीप शर्मा का कांग्रेस के कार्यकर्ताओ से ज्यादा जुड़ाव नहीं रहा है, उन्हें भूपेन्द्र हुडडा का खास माना जाता है ! शुरू में कुलदीप को कार्यकर्ताओ को लेकर परेशानी भी हुई, जबकि अब कांग्रेस का प्रचार अभियान तेजी पकड़ चुका है !
करनाल की उपेक्षा कर पानीपत मेें अमित शाह की रैली
करनाल की उपेक्षा कर पानीपत में पांच मई को हुई भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली सीधे सीधे करनाल जिले की उपेक्षा मानी जा रही है ! गौरतलब है कि करनाल जिले में पांच विधानसभा हलके व पानीपत में चार विधानसभा हलके है, यही नहीं करनाल जिले में पानीपत जिले से करीब अढाई लाख ज्यादा मतदाता है ! अब सवाल यह है कि भाजपा करनाल से ओवर कांफिडेंस में है जबकि पानीपत में वोटो को लेकर चिंतित है यही कारण है कि अमित शाह की रैली पानीपत में करवाई जा रही है !
कांग्रेस व भाजपा में हो सकती है कांटे की टक्कर
करनाल लोकसभा सीट पर जीत मान कर चल रही भाजपा अब कांग्रेस के बढते प्रचार से चिंतित नजर आ रही है ! भाजपाई भी अब यह मानने लगे है कि करनाल में कांग्रेस भाजपा को टक्कर दे सकती है ! गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के अश्वनी चोपड़ा कांग्रेस के मुकाबले 3 लाख 60 हजार 147 मतो से विजयी हुए थे ! भाजपा इस बार जीत का यह मारजन इससे भी ज्यादा मान कर चल रही थी परन्तु कांग्रेस के बढते प्रचार व जनाधार के चलते अब भाजपाई ही जीत का अंतर डेढ से दो लाख मान रहे है , बहरहाल यह तो आने वाला समय बताएगा कि कौन कितने वोट हासिल करता है !
मतदाताओ की चुप्पी से राजनीतिक दल परेशान
मतदाताओ की चुप्पी से कांग्रेस व भाजपा परेशान है ! हैरानी की बात यह है कि दोनो ही दलो का प्रचार चरम पर है, नुक्कड सभाओ का दौर जारी है ! इन सभाओ में कार्यकर्ता तो जमा होते है जबकि आम मतदाता गायब है ! जो राजनीतिक दलो के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है ! हालाकि भाजपा के कार्यकर्ता लोगों के घरो में जाकर वोट की अपील कर रहे है इसके बावजूद जनसभाओ में आम मतदाआतो का न आना चिंता का विषय जरूर है !
कुलदीप मंजे खिलाड़ी संजय भाटिया को मोदी का सहारा
कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप शर्मा राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी है, राजनीति उन्हें विरासत में मिली है ! उनके पिता चिंरजी लाल शर्मा करनाल लोकसभा से चार बार सांसद रहे है ! कुलदीप शर्मा दो बार गनौर हलके से विधायक व विधानसभा अध्यक्ष रह चुके है ! दूसरी ओर भाजपा के उम्मीदवार संजय भाटिया प्रदेश भाजपा के महामंत्री रहे है, मौजूदा चुनाव में वह मोदी व मुख्यमंत्री के सहारे चुनाव मैदान में है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है !