करनाल। दिनेश गुलाटी के नेतृत्व में चलाई जा रही योग कक्षाओं में आज योग कक्षा सेक्टर 14 श्रीकृष्ण मंदिर करनाल में योग शिक्षिका बरखा जिंदल ने योग और प्राणायाम का सत्र करवाया और उन्होंने कहा कि योग ाुद को फिट रखने वाले और व्यायाम से ज्यादा एक प्राचीन कला है। आमतौर पर योग में रिलेक्स और शांत रहने के स्टैचिंग और सांस की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन योग में आसन ही नहीं मुद्राएं भी शामिल हैं।
इन योग मुद्राओं से आप कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हर योग मुद्रा अपने आप में विशिष्ट है और इनका नियमित रूप से ही सही अ यास करना चाहिए। ज्ञान मुद्रा के बारे में बताते हुए कहा कि हाथ की तर्जनी अंगुली के आगे के सिरे को अंगूठे के अग्रभाग के साथ मिलाकर रखने और हल्का सा दबाव देने से ज्ञान मुद्रा बनती है इससे ध्यान केंद्रित करने, अनिद्रा दूर करने तथा गुस्से को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है और ज्ञान मुद्रा विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इसके अ यास से स्मरण शक्ति और बुद्धि तेज होती है।
इससे पहले योग शिक्षक नवीन जिंदल ने सूक्ष्म व्यायाम और आसन करवाएं। इस अवसर पर नवीन संदूजा, नवीन जिंदल, राजीव शर्मा, मनोज खुराना, वेद प्रकाश खन्ना, पवन गुप्ता, वीना गोयल, बरखा जिंदल, ईशा धवन, आशा बंसल, सरिता गर्ग, नीरज सिंगला व राघव सिंगला मौजूद रहे।