डीएवी पीजी कॉलेज में चल रहे राज्य स्तरीय रत्नावली युवा सांग महोत्सव के दुसरे दिन मांगे राम द्वारा रचित राजा वीर विक्रमादित्य खांडे राव परी सांग का मंचन,आरकेएसडी कॉलेज कैथल के छात्रों द्वारा किया गया।
सांग कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रुप मे प्रसिद्ध कवि,लोक साहित्य के लेखक एंव दादा लख्मीचंद की रचनाओं और रागनीयों को प्रारूप प्रदान करने वाले सांग प्रेमी,सांग साहित्य के प्रबुद्ध विद्धान,शिक्षाविद्ध ,एसडी कॉलेज पानीपत के पूर्व प्रवक्ता डॉ.बालकृष्ण शर्मा ने शिरकत की।
विशिष्ठ अतिथि के रूप मे ग्लोबल हिंदी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ.कामराज संधु और राजकिय कन्या महाविद्यालय करनाल की प्राचार्य डॉ. कुलविंद्र कौर उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी ने की।
कार्यक्रम मे पहुंचने पर सभी अतिथियों का कॉलेज के प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी,कार्यक्रम की संयोजक डॉ.ऋतु कालिया,सह-संयोजक डॉ.मिनाक्षी ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
प्राचार्य डॉ.आर पी सैनी ने कहा कि प्राचीन समय मे जहां संचार माध्यम नही थे तब उस समय मे सांग समाज मे जागृति लाने मे अहम था।जिसने संस्कृति और हमारी सभ्यता का खुब प्रचार-प्रसार किया।आज फिर इन परंम्पराओ को जीवित करने की आवशयक्ता है।ताकि युवा पिढी़ को हमारी सांस्कृतिक धरोहरों से रूबरू करवाया जा सके।
मुख्य अतिथि डॉ.बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि सांग सुनने लोग पहले दुर-दुर तक जाते थे।और किस्से- कहांनियो के जरिये प्रचार भी करते थे। उन्होने कहा कि हरियाणा सांग की जन्मभुमि रहा है और आज भी हरियाणा की परंम्पराये विश्व विख्यात है।
वशिष्ट अतिथि डॉ.कुलविद्र कौर और डॉ.कामराज संधु ने भी सांग महोत्सव की शराहना कर अपने विचार रखे।
सांग का भावमय मंचन करते हुऐ आरकेएसडी कॉलेज की टीम ने दर्शाया कि किस प्रकार सरोवर ताल के हंसो ने अपने दशौटे के बारह साल प्रतापी राजा वीर विक्रमादीत्य की नगरी मे बिताये ।
दशौटे का एक महिना शेष रहने पर हंस, महाराज से जाने की ईजाजत लेकर उनकी प्रशंसा करते हुए प्रस्थान करते हुए कहते है “वीर विक्रमादीत्य म्हारे मान सरोवर कैसे ताल,अन्न धन के भंडार भरो तेरै,मौज उडाई बारह साल” हंसो के मुख से राजा विक्रमादीत्य की बढाई सुनकर राजा इंद्रमण क्रौधित हो हंसो से उनकी हंसणी छिन लेता है।और कहता है जाओ राजा वीर विक्रमादीत्य से कहो कि वो हंसणी को छुडा़ ले जाये।
हंस वापिस आये और सारा हाल राजा वीर को बताया। यह सुनकर राजा हंसणी को बचाने चल पड़ते है आगे सराय मे मठियारी को अपनी धर्म बहन बनाकर ,उसके बेटे की जान बचाते है और सर्प को मारकर इंद्रमण राजा को वचनों मे लेकर खांडेराव परी व हंसणी को छुडवा लेते है।और खांडेराव परी से विवाह करते है।
आरकेएसडी कॉलेज कैथल के विद्यार्थियों की सांग प्रस्तुति देख दर्शक भाव विभोर हो गऐ। दुर- दुर तक शहर व देहात से सैकडो़ दर्शक सांग देखने पहुंचे। सांग देखने आऐ भुलण सिहं,राजबीर सिंह ,सुरताराम,जयसिहं,हेमराज,रामसिंह ने सांग की खुब प्रशंसा की।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ.ऋतु कालिया ने बताया कि 28 फरवरी को मांगे राम द्वारा रचित सांग पिंगला भरतरि का मंचन एस.डी कॉलेज अंबाला के छात्रों द्वारा करनाल जिले के गांव भैणी खुर्द मे किया जाऐगा ।
जबकी 1 मार्च को पंडित लख्मी चंद द्वारा रचित सांग राजा हरिश्चंद्र का मंचन आर्य कॉलेज पानीपत के विद्यार्थियों द्वारा डीएवी कॉलेज मे ही प्रस्तुत किया जायेगा।
कार्यक्रम मेें मंच संचालन सांग की सह-संयोजक डॉ.मिनाक्षी कुंडू ने किया।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी,डॉ.ऋतु कालिया व डॉ.मिनाक्षी कुंडू ने मुख्यअतिथि डॉ.बाल कृष्ण शर्मा विशिष्ट अतिथि डॉ.कुलविंद्र कौर और डॉ.कामराज संधु को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी ने सांग के सभी कलाकार विद्यार्थियों व इंचार्ज प्राध्यापको को भी सम्मानित किया।
इस मौके पर सभी स्टाफ सदस्य व अन्य मौजुद रहे।