करनाल की बेटी महक ज्योत दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के देश आर्जेंटीना की सबसे ऊँची चोटी आकांकाग़ुआ पर देश का तिरंगा लहराने का सपना दिल में लिए आज सुबह की फ़्लाइट से आर्जेंटीना के शहर मंडोजा के लिए रवाना हुई। इस से पूर्व अफ़्रीका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी क़िलीमॉंजारो पर अपनी गाइड अनिता कुंडू के साथ देश का परचम लहरा चुकी महक ज्योत इस बार अकेले सफ़र पर रवाना हुई है।
उल्लेखनीय है कि आकांकाग़ुआ की गिनती विश्व की सबसे ऊँची सात चोटियों में दूसरे नम्बर पर होती है ओर इसे एवरेस्ट के बाद सबसे कठिन चोटी माना जाता है। जाने से पूर्व महक ज्योत ने बताया कि उसका उद्देश्य 17 वर्ष की आयु में आकांकाग़ुआ की चोटी पर तिरंगा लहराने वाली देश की सबसे काम उम्र की बेटी बनना है क्योंकि इस से पहले इस उम्र में किसी ने ये मुक़ाम हासिल नहीं किया।
महक ने बताया की वो 37 घंटे की तीन फ़्लाइट बदलने के बाद मेंडोज़ा पहुँचेंगी। वैसे तो उन्हें एक दिन पहले जाना था लेकिन नाबालिग़ होने के कारण माता पिता की ओर से अनुमति पत्र को विदेश मंत्रालय की मोहर के चलते उन्हें एक दिन के लिए फ़्लाइट कैन्सल करनी पड़ी ओर अब उसे 6 जनवरी को पहुँचने के बाद तुरंत अपना अभियान शुरू करना पड़ेगा ।
आराम का समय न मिलने के बावजूद महक ज्योत का हौंसला बुलंद है ओर उसे विश्वास है की दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊँची चोटी उसके हौंसले के समक्ष छोटी पड़ जाएगी ओर वो अपने मक़सद में कामयाब होगी।
आज गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश उत्सव पर महक जहाँ अपने साथ तिरंगा लेकर गयी है वहीं वो निशान साहेब भी लेकर गयी है जिसे आकांकगुआ पर फहराकर वो गुरु जी की महान क़ुर्बानियों को याद करना चाहती है। महक का यह अभियान आर्जेंटीना के 20 वर्ष से आकांकाग़ुआ क्लाइंबिंग करवा रहे प्रसिद्द टूर ऑपरेटर अकोमोरा के माध्यम से होगा।
महक ज्योत को उसके अभियान के लिए उसके पिता व निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु, माता मनजीत कौर, छोटे भाई परमवीर सिंह पन्नु, निफ़ा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमिंदर पाल सिंह, सह सचिव जसविंदर सिंह बेदी, गुरु ग्रंथ साहेब चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन जसबीर सिंह गुलाटी, सरला नरवाल, एकता नरवाल, निफ़ा युवा विंग के प्रधान हितेश गुप्ता, अरुण सिंह आदि ने शुभकामनाओं के साथ रवाना किया।