एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सुदीप कादियान करनाल ने दावा किया है कि लंबे समय से पंजाब व हरियाणा के मध्य विवाद का कारण बना एसवाईएल का पानी हिमाचल प्रदेश के रास्ते से भी लाया जा सकता है। प्रेस को जारी ब्यान में श्री सुदीप कादियान ने कहा है कि पंजाब की बजाय हिमाचल से एसवाईएल का पानी लाने का रास्ता तलाश लिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस दिशा में व्यापक कदम उठाये जाए तो एसवाईएल नहर का पानी एक साल के भीतर दक्षिण हरियाणा के सूखे खेतों तक पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि यह पानी ऐसे रास्ते से आएगा जहां न तो पंजाब के किसानों को नुकसान होगा और न ही हरियाणा के हिस्से में कमी आएगी। नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ने कहा है कि वे उनकी नियुक्ति के बाद से समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्रनाथ के साथ दो बार इस मार्ग का व्यक्तिगत दौरा भी कर चुके हैं। श्री कादियान करनाल ने कहा है कि यह पानी भाखड़ा डैम से हिमाचल के रास्ते बद्दी होते हुए पिंजौर-पंचकुलां के पास टांगरी नदी में पानी डालकर जनसुई हेड तक लाया जा सकता है !
उन्होंने बताया कि उनकी समिति ने एक डाक्यूमेंट्री तैयार की है, जिसमें एसवाईएल नहर के वर्तमान हालात व अपने सुझाए रास्ते को दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से देखें तो भाखड़ा डैम से वाया हिमाचल प्रदेश हरियाणा बार्डर मात्र 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि पंजाब के रास्ते हरियाणा बॉर्डर की दूरी 156 किलोमीटर पड़ती है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए सुदीप कादियान ने बताया कि नए रास्ते में पडऩे वाली हिमाचल की अधिकतर जमीन पहाड़ी, बरानी और सरकारी है, जिसे हिमाचल सरकार को देने में अधिक दिक्कत नहीं आएगी।
हिमाचल प्रदेश में स्थित भाखड़ा डैम का पानी का बहाव भी तेजी से नीचे की तरफ आता है, जिससे बिजली बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा डैम से बिजली बनाने के बाद यह पानी सतलुज नदी में गिरता है। हिमाचल में सतलुज नदी 11 किलोमीटर तक बहती है, जिसमें से कहीं पर भी एसवाईएल नहर को जोड़ कर पानी लाया जा सकता है। सतलुज नदी से लेकर जनसुई हेड तक एसवाईएल का पानी सरपट दौड़ता हुआ आएगा !