आज शहीद उद्यम सिंह की जयन्ती पर जन चेतना मिशन के पदाधिकारियों एवं प्रमोद शर्मा लोकसभा करनाल ने उन्हें याद करते हुए सैक्टर-32 स्थित शहीद उद्यम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रमोद शर्मा ने कहा कि शहीद उद्यम सिंह ने देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की हंसते-हंसते कुर्बानी दे दी।
उन्होंने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शहीद उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था। सन् 1901 में उधम सिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी। अनाथालय में उधम सिंह की जिन्दगी चल ही रही थी कि 1917 में उनके बड़े भाई का भी देहांत हो गया।
वह पूरी तरह अनाथ हो गए। 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और क्रांतिकारियों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में शमिल हो गए। उन्होंने बताया कि उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 को घटित जालियांवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। इस घटना से वीर उधम सिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली।
उधम सिंह अनाथ हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह विचलित नहीं हुए। देश की आजादी तथा डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहे। लगभग 21 वर्ष बाद उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लिया।
इस अवसर पर प्रमोद शर्मा, बृज मोहन काम्बोज प्रधान जन चेतना मिशन, अंशुल काम्बोज कुंजपुरा, देवी राम धीमान, मनीष राणा कुंजपुरा, दीप चौधरी, जगदीश राणा, सतपाल प्रजापत, उचाना, तरसेम काम्बोज प्रधान, वार्ड-20 के पार्षद मोनू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।