आज युवा बोलेगा मंच ने ट्रांसपोर्ट यूनियन के साथ मिलकर करनाल ट्रांसपोर्ट नगर में प्रसाशन के खिलाफ गहरा रोष प्रदर्शन किया। ये रोष 10 साल पुराने ट्रको का सड़क पर न चलने के आदेशों के खिलाफ था आपको बता दे बीते कुछ दिन पहले अतिरिक्त उपायुक्त एवं सचिव प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण करनाल निशांत कुमार ने आदेह जारी किए थे कि अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ व अन्य की निर्देशों की पालना में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश 7 अप्रैल के अनुसार हरियाणा की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर में पडऩे वाले जिलों में 10 वर्षों से पुराने सभी डीजल वाहन व 15 वर्ष से पुराने पैट्रोल वाहन संचालित नहीं होंगे।
इन आदेशों की अवहेलना करने वाले वाहन जब्त कर लिए जाएंगे। इन जारी किये गए आदेशो से ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोग खफा है। करनाल जिला एनसीआर इलाके में होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आज से 10 साल पुरानी डीजल की गाड़ियां कबाड़ के कगार पर खड़ी हो गई है। ट्रक मालिक राजू, डीएस बेदी, नरेंद्र, बिरजू शर्मा ने कहा यह कैसा अन्याय है 10 साल पुरानी माल ढोने वाली गाड़ियों को प्रदूषण के तहत जप्त करने के आदेश जो अधिकारियों के पास आए हैं इस योजना के तहत रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे।
ट्रक मालिक नरेंद्र का कहना है कि 2007 और 2008 मॉडल गाड़ी 20 साल और ज्यादा सड़क पर चल सकती है। उन्होंने अपनी गाड़ियों के ऊपर खड़े होकर हरियाणा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कहा कि इस कानून के तहत हरियाणा सरकार जारी किए हुए आदेशो के खिलाफ अध्यादेश जारी करें और केंद्र सरकार के दबाव को साथ लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तब्दील करवाने में अपनी भूमिका निभाए अन्यथा हाहाकार मच जाएगी। जिस गाड़ी मे प्रदूषण की जायदा मात्रा हो उसको जब्त किया जाए।
उन्होंने कहा 10 साल तक तो ट्रक मालिक लोन जिस गाडी पर लेते है उसकी किस्त भी पुरी नहीं भर पाते। ट्रैफिक पुलिस के पास प्रदूषण युक्त मशीनें हैं वह अपना इस तरह से काम कर सकती है जिस तरह से शराब पीने वाले आदमी के मुंह में मशीन लगाई जाती है। इसके अलावा सरकारी इमारते हैं जो गिरने वाली हैं उनकी कानून के दायरे में उम्र भी तो पूरी हो चुकी है उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करते।
ट्रक मालिको के बीच सामाजिक संगठन हरियाणा युवा बोलेगा मंच के अध्यक्ष पहुंचे एडवोकेट जेपी शेखपुरा भी मौजूद थे उन्होंने कहा कि जिला करनाल में लगभग 12000 गाड़ियां 10 साल पुराने आए हुए नोटिस के दायरे में आती है इस देश का ज्यादातर रोजगार गांव में रहने वाले आम आदमी जो ट्रक रोजगार लेकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं इससे पिछले साल केंद्रीय ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने 15 साल पुरानी गाड़ियों को योग्य घोषित कर दिया था, पर ऐसा क्या हुआ कि कानून में यह बदली हो गई और यही गाड़ियां अब अयोग्य घोषित हो गई।
इसके अलावा आज एक ट्रक मालिक को अपनी गाड़ी के कागजात बनवाने के लिए आरटीओ डिपार्टमेंट में लाखों रुपए खर्च करके पासिंग पर खर्च किया जाता है जो बाद में कानून उन कागजों को अयोग्य घोषित करता है। इस मौके पर नारेबाजी करने वालों में ट्रक मालिक नरेश, बिट्टू, खतियान, पम्मी, मंजीत, गुलजार, गुरदीप सिंह, हरदीप सिंह ने ऐलान किया है कि आने वाले शुक्रवार के दिन सीएम सिटी में जहां अधिकारियों द्वारा पार्षद की जाती है गाड़ियों की वहीं पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा