करीब 57 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम यमुना नहर के किनारे पर बनने वाला बाईपास का लगभग कार्य पूर्ण हो चुका है, केवल रेलवे अंडर ब्रिज का कार्य शेष है जोकि अगले 15 दिनों में पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस बाईपास का निर्माण करवाकर करनाल शहरवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया गया है।
इस बाईपास के शुरू होने से अम्बाला, कुरूक्षेत्र व यमुनानगर से जींद और कैथल की ओर जाने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसी प्रकार जींद व कैथल से चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए जाने वाले वाहन भी इस मार्ग का फायदा ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री की इस परियोजना के बारे में उपायुक्त डॉ. दहिया ने बताया कि पश्चिमी यमुना बाईपास का कार्य लोक निर्माण विभाग हरियाणा की ओर से पूरा हो चुका है केवल रेलवे अंडर ब्रिज का कार्य शेष है। रेलवे के क्षेत्र में आने वाला कार्य भी जोरों पर है जोकि अगले 15 दिनों में पूरा कर हो जाएगा, शीघ्र ही यह बाईपास जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।
करीब 57 करोड़ रुपये की लागत से 6.30 किलो मीटर लम्बे पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पर कर्ण लेक के नजदीक से कैथल रोड पुल तक बन रहे बाईपास से जहां जिले में यातायात की बेहतर व्यवस्था स्थापित होगी वहीं शहरवासियों को आए दिन लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक उन्नति विशेषकर सडक़ों पर निर्भर रहती हैं। वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ने इस ओर विशेष ध्यान देते हुए न केवल सडक़ तंत्र को मजबूत करने का काम किया बल्कि प्रदेश में चारों ओर सडक़ों का जाल बिछाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस बात का प्रमाण हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस वे के उद्घाटन से स्पष्ट मिलता है।
अगर बात करनाल जिले की करें तो करनाल में बन रहा पश्चिमी यमुना बाईपास भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री कईं बार अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं तथा मौके पर जाकर निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया है और यह मार्ग सुंदर व यातायात की दृष्टि से सुगम बने, इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं।