एक तरफ प्रदेश सरकार बिजली चोरी रोकने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है और दिन और रात छापेमारी करा रही है, वहीं निगम के अंदर ही ऐसे लोग भी बैठे हैं जो उपभोक्ताओं से हजारों रुपये में सेटिंग करके उनके दो माह के बिल का आधा करने से भी गुरेज नहीं कर रहे।
ऐसे ही एक मामले का खुलासा बिजली निगम की विजिलेंस टीम ने किया है। टीम ने बिजली निगम के लाइनमैन समेत दो मीटर रीडरों को गिरफ्तार किया है, इन पर आरोप है कि ये सेटिंग के तहत पहले उपभोक्ता के मीटर से छेड़छाड़ करके उसकी डिस्प्ले खराब करते थे और बाद में दस हजार रुपये लेकर ग्राहक को ऐवरेज बिल (बिना रीडिंग के) भेजना शुरू कर देते थे।
ऐवरेज बिल दो माह की कुल रीडिंग में से आधी रीडिंग का बनाया जाता था। मामले का खुलासा होने के बाद टीम ने ऐसे 14 बिजली मीटरों को सील कर दिया है। उधर, इस मामले से बिजली निगम के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
तीन को भेजा जेल, एक की तलाश: विजिलेंस ने आरोपी मीटर रीडर अशोक नगर निवासी गौरव, लाइनमैन राकेश को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया और एक दिन के पुलिस रिमांड के बाद उन्हें गुरूवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
इस मामले में पहले ही आरोपी मीटर रीडर सन्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अभी मुख्य आरोपी प्राइवेट इलेक्टिशियन प्रीतम नगर निवासी सुरेंद्र फरार चल रहा है। आरोपी की गिरफ्तार को लेकर पुलिस दबिशें दी रही हैं, ताकि उससे डिस्प्ले खराब करने वाली मशीन व अन्य उपकरण बरामद किये जा रहे हैं।
सभी को मिलता था अलग अलग हिस्सा: सेटिंग के तहत लाइनमैन एक प्राइवेट इलेक्टिशियन के साथ मिलकर उपभोक्ता के कहने पर आठ से दस हजार रुपए में उसके बिजली मीटर की डिस्प्ले खराब कर देते थे। उस इक्टिशियन के पास एक मशीन थी, जिसे वह मीटर की डिस्प्ले पर रखकर गर्म हवा छोड़ता था, जिस कारण मीटर की डिस्प्ले खराब हो जाती है।
इसके बाद मीटर रीडर उपभोक्ता के पास पहुंचता और मीटर खराब की रिपोर्ट बनाकर आगे भेजता। बाद में उपभोक्ता के मीटर को ऐवरेज बिल पर चढ़ा दिया जाता, वो भी पिछले दो माह की कुल रीडिंग में से आधी के आधार पर। ऐसे में उपभोक्ता का पहले से आधा ही बिल आता है और वह मनचाही बिजली खर्च करता है।
कुल पैसे में से सभी को हिस्सा मिलता था। तीन से चार हजार रुपये लाइनमैन के, 500 रुपये मीटर रीडर के और शेष राशि प्राइवेट इलेक्ट्रीशियन अपने पास रखता था।
14 बिजली के मीटर किए सील, कराई जाएगी जांच: बिजली एवं पानी विजिलेंस के एएसआई उमेद सिंह ने बताया कि 14 अगस्त को नगला फार्म निवासी ओमप्रकाश ने सब अर्बन डिवीजन एसडीओ को बिजली मीटर की शिकायत दी थी।
इसके एसडीओ की शिकायत पर उन्होंने आरोपी यूपी निवासी सन्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। सिपाही प्रदीप व सुरेंद्र के साथ मिलकर जब सन्नी को गिरफ्तार किया तो उसने आरोपी अशोक नगर निवासी मीटर रीडर गौरव व लाइनमैन राकेश वासी घीड़ के नाम का खुलासा किया, जिन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।
एक दिन के पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ। अभी तक 14 मीटर सील कर कब्जे में लिए हैं, जिनके साथ आरोपियों ने छेड़छाड़ की हुई थी। इसमें मंगलकॉलोनी से दो मीटर, फुसदील ट्रांसपार्ट का एक मीटर, मोती नगर, एक्सपोर्ट हट कपड़े के शोरूम से व सेक्टर-16 के मीटर कब्जे में लिए हैं।
बिजली के मीटर की डिस्प्ले खराब करने के मामले में अभी तक लाइनमैन राकेश सहित गौरव व सन्नी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। फिलहाल इलेक्टिशियन फरार है, उसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले की गंभीरता के साथ जांच की जा रही है। – सतीश वत्स, डीएसपी, बिजली एवं पानी विजिलेंस, करनाल।
बिजली कर्मी ही दे रहे चोरी के आईडिया: बिजली निगम बिजली चोरी रोकने के लिए नए-नए तरीके अपना रहा है, लेकिन फिर भी बिजली चोरी रूकने का नाम नहीं ले रही है। क्योंकि निगम के कर्मचारी ही उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करने के नए-नए आईडिया दे रहे हैं।
पहले निगम ने उपभोक्ताओं की तारें बदलवाई, फिर बिजली के मीटर बदले, लेकिन फिर भी बिजली चोरी नहीं रूकी तो अब निगम ने बिजली मीटर घर के बाहर लगाने शुरू किए हैं। लेकिन अभी तक उपभोक्ता नए-नए तरीके से बिजली चोरी कर रहे हैं, ये तरीके निगम के कर्मचारी ही उपभोक्ताओं को बता रहे हैं।
इस मामले में ये खुलासा हुआ है कि मीटर रीडिंग के दौरान खुद मीटर रीडर उपभोक्ताओं को मीटर खराब करके बिल कम करने का तरीका बताता था और उपभोक्ता उसके झांसे में आ जाते थे।