हाल ही में बिहार के मुज्जफरपुर जिला व उतर प्रदेश के देवरिया में बालिका गृह में छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना नें पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है । यह ऐसी पहली घटना नहीें है । निठारी कांड हो अथवा रोहतक के अपना घर की घटना, मुज्जफरपुर व देवरिया जैसी ऐसी अनेक इस प्रकार की घटनाएं जो इस देश में घटित हो रही हैं, जिसमें छोटी बच्चियों के साथ रेप व उन्हे जान से मारने जैसी वारदात होती है ओर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है ।
ये उद्गार आज नैशनल इंटीग्रेटिड फोरम आॅफ आर्टिस्टस एण्ड एक्टिविस्टस (निफा) के महिला व छात्रा विंग की ओर से देश के प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में व्यक्त किए गए । निफा की महिला व छात्रा विंग की ओर से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त करनाल को सौंपा गया व उनसे देश को विश्व भर में बदनाम कर रहे इस अपराध पर रोकथाम के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई ।
निफा महिला विंग की संरक्षक अन्जु शर्मा, प्रधान वीना खेतरपाल, महासचिव पूनम पसरीचा, उपप्रधान जसजीत सूद, तनुजा सचदेवा, कार्यकारिणी सदस्य डा. भारती भारदवाज, निशा गुप्ता, डा. कान्ता वर्मा, छात्रा विंग की संयोजक ममता शर्मा, प्रधान अर्शप्रीत कौर, उपप्रधान मोना, सह सचिव ंआशु व कार्यकारिणी सदस्य वर्षा व डिम्पी ने उपायुक्त को ज्ञाापन देकर प्रधानमंत्री से कहा है कि आपकी सरकार ने छोटी बच्चियों के साथ रेप पर फांसी की सजा का कानून लाकर बलात्कारियों को सख्त सन्देश दिया है, लेकिन बलात्कार जैसे शर्मनाक व घिनौने अपराध के लिए एक सख्त कानून के साथ साथ इस अपराध की जड़ पर प्रहार करने की जरूरत है ताकि इस मनोवृति को बढ़ाने वाले कारणों को खत्म किया जा सके व पहले से ही सावधानी दिखा कर ऐसी घटनाओं को घटित होने से रोका जा सके ।
महिला विंग ने मांग की है कि देश भर के ऐसे सभी संस्थान जिनमें छोटी बच्चियों को रखा जाता है यथा बालिका गृह, अनाथ आश्रम में व महिला आश्रम आदि में समय समय पर औचक निरीक्षण किए जांए व सभी बच्चियों व महिलाओं से अलग से पूछताछ की जाए ताकि लिंग उत्पीड़िन की किसी प्रकार की वारदात का समय रहते पता चल सके । इसके लिए हर जिले में एक अलग सैल का गठन किया जाए जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए। बालिका गृह व महिला आश्रम आदि में राज नेताओं व रसूखदार लोगों का प्रवेश वर्जित किया जाए । बालिका गृह चलाने की अनुमति देने से पहले संस्था के पदाधिकारियों के चरित्र की जांच अवश्य की जाए ।
ज्ञापन के अनुसार सख्त कानून के बावजूद बढ़ते बलात्कारों का एक बड़ा कारण सोशल मीडिया व टी.वी. चैनलों पर बढ़ रही अश्लीलता है । जहां सोशल मीडिया पर अश्लील व पोर्न साईटस आसानी से सभी के लिए उपलब्ध हैं वहीं टी. वी. चैनलों पर औरत को उपभोग की वस्तु के रूप में पेश किया जाता है ।
गर्भ निरोधक साधनों को भी सुरक्षा के साधन के रूप में न दिखाकर बेहत उतेजक ढंग से विज्ञापन में प्राईम टाईम में दिखाया जाता है, जो समाज में बलात्कार के लिए उकसाने का एक कारण है । प्रधान मंत्री से सोशल मीडिया व टी.वी. चैनलों पर बढ़ रही अश्लीलता पर भी सख्त कानून लाने की मांग की गई है।
भौतिकवाद की अंधी दौड़ में नैतिक मूल्य आज कहीं पीछे छूटते जा रहें हैं जो समाज में आ रही गिरावट का एक बड़ा कारण हैं । परिवारों में व शिक्षा में नैतिक शिक्षा एक खानापूर्ति बन चुकी है । निफा ने मांग की है कि शिक्षा के हर वर्ष में नैतिक शिक्षा के विशेष शिविर लगाए जाने अनिवार्य किए जाएं व परिवारों में भी इसके प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए । लड़कियों के लिए सैल्फ डिफेंस को सीखना अनिवार्य किया जाए
अक्सर देखा गया है कि ब्बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करने वाले व्यक्ति नशे की लोर में होते हैं । आवश्यक है कि पूरे देश में नशे के खिलाफ एक बड़ी मुहिम चलाई जाए व नशा बेचने वालों के खिलाफ कानून के प्रावधान ओर सख्त किए जाएं ।
बलात्कार के खिलाफ कानून को सख्ती से लागु करने की जिम्मेदारी लाॅ एण्ड आर्डर से जुड़ी संस्थाओं की है, जिनमें ऐसे अधिकारियों को समुचित प्रशिक्षण के साथ नियुक्त किया जाए जो न केवल कानून का पालन करवाने में सक्षम हों वरण इसके दुरूपयोग को रोकने में भी पारंगत हों । जांच एक निश्चित समय में ही पूरी हो व इसमें अनावश्यक देरी के लिए सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय हो ।
उपायुक्त करनाल ने इसे वास्तव में समाज के लिए गम्भीर चुनौति मानते हुए ज्ञापन को आगे भिजवाने के आदेश दिए । उन्होने महिला व छात्रा विंग के सदस्यों को दुर्गा एप व दुर्गा शक्ति वाहिनी की जानकारी भी दी व इसकी जागरूकता के लिए अपील की । इस अवसर पर मौजूद पुलिस अधिक्षक करनाल ने दुर्गा एप की प्रैजेन्टेशन दी व कहा कि करनाल पुलिस की टारगेट इस सप्ताह में 10000 लड़कियों व महिलाओं को इस एप के साथ जोड़ना है ताकि उन्हे आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त पुलिस सहयोग मिल सके ।