पिछले साल प्रथम इंस्टिट्यूट के सहयोग से कैरियर ओरिन्टेशन वर्कशॉप की सफलता के बाद, आज डॉ निधि खेतरपाल कॉमर्स अकैडमी ने करनाल में दूसरी सफल कैरियर वर्कशॉप का आयोजन किया। दिल्ली के जाने माने प्रथम इंस्टीट्यूट की इस कैरियर वर्कशॉप मे बच्चो की करियर सम्बंधित दुविधाओं को दूर किया गया तथा उन्हे भविष्य के लिए विकल्पों से अवगत कराया गया।
इसमे बच्चो के साथ उनके अभिभावकों ने भी बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया। डॉ निधि खेतरपाल ने बताया कि हमारी अकैडमी ने हमेशा स्टूडेंट्स के अच्छे भविष्य के लिए प्रयास किये है और भविष्य में भी हम स्टूडेंट्स के ब्राइट फ्यूचर के लिए प्रयास करते रहेंगे।
कॉमर्स का एक जाना माना इंस्टिट्यूट जो देता है स्टूडेंट्स के अव्वल रिजल्ट्स। यहां पर एकाउंट्स ,इकोनॉमिक्स और बिज़नेस स्टडीज की दी जाती है बेहतरीन कोचिंग। बेसिक कॉन्सेप्ट्स को क्लियर किया जाता है और बच्चों को नोट्स भी दिए जाते हैं। बच्चों की प्रैक्टिस के लिए वीकली टेस्ट सीरीज भी करवाई जाती है। और साथ ही भविष्य के लिए तैयार भी किया जाता है। उच्च शिक्षा बीबीए, एमबीए, बीकाम,एमकाम की भी कलासेज ली जाती है।
11वी तथा 12वीं (बोर्ड्स )की परीक्षा में अच्छे अंक लाने व सफल भविष्य निर्माण के लिए यह एक बहुत ही अच्छा विकल्प है।
दिल्ली से आये एक्सपर्ट्स ने व निधि खेतरपाल ने वर्कशॉप में आये बच्चों को एकाउंट्स की फील्ड व कुछ अन्य कैरियर ऑप्शन के बारे में डिटेल्स में बताया।
एकाउंटिंग आज के दौर में बेहद डिमांडिंग फील्ड बन गया है। उदारीकरण के दौर में देश में निजी कंपनियों के विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से सीए, आइसीडब्ल्यूए, सीएस, कंप्यूटर एकाउंटेंसी के एक्सपर्ट्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। एकाउंटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आपका करियर ग्राफ तेजी से बढ़ता है। वैसे तो ज्यादातर कॉमर्स के स्टूडेंट्स ही एकाउंटिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए भी इसके रास्ते खुले हुए हैं। जानते हैं इससे संबंधित कुछ प्रमुख क्षेत्रों और उनमें एंट्री के बारे में :
सीए
सीए का मतलब है चार्टर्ड एकाउंटेंट। चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑडिटिंग, टैक्सेशन और एकाउंटिंग में स्पेशलाइजेशन रखता है। सीए प्रोफेशन निरंतर लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां तक कि छोटी कंपनियों और कारोबारियों को भी अपने आर्थिक मसलों के प्रबंधन के लिए सीए की जरूरत होती है। भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की तो अब विदेशों में भी अच्छी मांग है, खासकर पश्चिम एशिया के देशों, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में।
सीएस
सीएस का मतलब है कंपनी सेक्रेटरीशिप। कंपनी सेक्रेटरी ऐसा प्रोफेशनल कोर्स है, जिसका प्रबंधन द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आइसीएसआइ) द्वारा किया जाता है। कंपनी अधिनियम के अनुसार जिन कंपनियों की चुकता पूंजी 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा है, उन्हें कंपनी सेक्रेटरी रखना जरूरी होता है।
कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए किसी कैंडिडेट को अब फाउंडेशन कोर्स, एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम और प्रोफेशनल कोर्स पास करना होता है जिन्हें पहले फाउंडेशन एग्जामिनेशन कहा जाता था। इंस्टीट्यूट एक इंटरमीडिएट और फाइनल एग्जाम आयोजित करता है और बाद में कैंडिडेट्स को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी पड़ती है।
इसके बाद वह कंपनी सेक्रेटरी की सदस्यता के योग्य माना जाता है। इस प्रोग्राम को करने के लिए कैंडिडेट को बारहवीं या समकक्ष एग्जाम पास होना चाहिए। आइसीडब्ल्यूएआइ या आइसीएआइ का फाइनल एग्जाम पास करने वाले ग्रेजुएट भी इस प्रोग्राम में शामिल हो सकते हैं।
आइसीडब्ल्यूए
आइसीडब्ल्यूए के तहत कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंसी का कार्य आता है। यह प्रोग्राम इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट ऐंड वर्क्स एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीडब्ल्यूएआइ) द्वारा संचालित किया जाता है। कॉस्ट ऐंड वर्क एकाउंटेंट किसी कंपनी की बिजनेस पॉलिसी तैयार करते हैं और पुराने एवं मौजूदा वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर किसी प्रोजेक्ट के लिए अनुमान जाहिर करते हैं। यह कोर्स करने के लिए छात्र की उम्र कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए और उसे केंद्र या राज्य सरकार के मान्यताप्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास होना चाहिए।
कंप्यूटर एकाउंटेंसी
कंप्यूटर एकाउंटेंसी नए जमाने का एकाउंटिंग कोर्स है। खास बात यह है कि इस कोर्स को करने के लिए कॉमर्स का बैकग्राउंड होना कतई जरूरी नहीं है। दिल्ली के पूसा रोड स्थित आइसीए के डायरेक्टर अनुपम के अनुसार बारहवीं या ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद सीआइए प्लस का एडवांस कोर्स करके एकाउंटेंट के रूप में जॉब आसानी से पाई जा सकती है।
दरअसल, आजकल ऑफिसेज में एकाउंटिंग पहले जैसे बहीखाते और लेजर के द्वारा नहीं होता, बल्कि एडवांस कंप्यूटर्स और सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है। कंप्यूटराइज्ड एकाउंटिंग असल में आइटी आधारित कोर्स है। आप महज 10 महीने का कोर्स करके ही एकाउंटेंसी के मास्टर बन सकते हैं। कंप्यूटर एकाउंटेंसी के तहत मुख्यत: बिजनेस एकाउंटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, एडवांस एकाउंट्स, एडवांस एमएस एक्सेल, टैक्सेज, आइएफआरएस, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, इनकम टैक्स प्लानिंग आदि की प्रैक्टिकल और जॉब ओरिएंटेड ट्रेनिंग दी जाती है।