हवाईअड्डा जमीन के लिए किसान करेेंगे डिजीटल संघर्ष प्रधानमंत्री के ईमेल पते पर ईमेल भेज मुलाकात का समय मांगा किसानों ने पीएम के ग्रीवेंसज पोर्टल पर भी अर्जी डाली करनाल। हवाईअड्डे के नजदीक स्थित जमीन के मालिक किसानों ने कलवेहड़ी गांव में बुधवार को मीटिंग की।
मीटिंग में किसान सुभाष खोखर ने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऑनलाइन संपर्क करके उन्हें करनाल के किसानों की समस्याओं से अवगत करवाया जाए। सभी किसानों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। कंवलदीप सिंह ने कहा कि नरेंंद्र मोदी के पोर्टल पर भी अपनी बात रखें। किसानों ने कहा कि सरकार सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपने का काम कर रही है। ऐसे में किसान संशय में है कि सरकार पहले सार्वजनिक हित के लिए जमीन अधिग्रहण कर निजी बड़े पूंजीपतियों को न दे दे।
किसानों नेे सहमति से किसान इंद्रप्रीत सिंह को ऑनलाइन पत्राचार के लिए जिम्मेदारी सौंपी। मुख्यमंत्री की किसान विरोधी नीतियों के कारण करनाल का विकास रुक गया है। एक तरफ तो सीएम हरियाणा एक हरियाणवी एक का नारा देते हैं दूसरी तरफ किसानों को मुआवजा देने में पक्षपात कर रहे हैं। गुडग़ांव और पलवल में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा एक्ट के हिसाब से देते हैं मगर करनाल में हवाईअड्डे के लिए एक्ट के हिसाब से मुआवजा नहीं दे रहे। इससे नरेंद्र मोदी का नारा सबका साथ सबका विकास विफल हो रहा है।
गौरतलब है कि हवाईपट्टी बुढाखेड़ी और कलवेहड़ी की जमीन पर स्थापित है। अब इन गांवों के अलावा नेवल की जमीन हवाईपट्टी के विस्तार के लिए अधिग्रहण की जानी है। बुढाखेड़ा करनाल विधानसभा क्षेत्र में आता है, जबकि नेवल इंद्री में और कलवेेहड़ी घरौंडा विधानसभा क्षेत्र में आता है। करनाल से विधायक मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं, इंद्री से राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज नेतृत्व कर रहे हैं तथा घरौंडा में विधायक हरविंद्र कल्याण हैफेड चेयरमैन हैं। इसके बावजूद यहां की तरक्की में रोड़ा अटकाया जा रहा है।
इसलिए किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधेे ऑनलाइन पत्राचार कर अपनी समस्या का हल करवाने की ठान ली है। अब किसान डिजीटल प्लेटफार्म पर आकर संघर्ष करेंगे। किसानों ने बीती 31 मई को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन इसका जवाब अभी तक किसानों को नहीं दिया गया।
प्रशासन किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। किसानों ने नरेंद्र मोदी और पीएमओ को ईमेल कर हवाईअड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर मुलाकात का समय मांगा है। किसानों ने प्रधानमंत्री के ग्रीवेंस पोर्टल पर भी अपनी अर्जी रजिस्टर करवा दी है। किसानों ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री उनकी बात सुनेंगे और शीघ्र उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया जाएगा।