December 23, 2024
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देशभर में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया स्तर पर ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा नीट का परिणाम आज घोषित किया गया। जिसमें उत्तर भारत के जाने माने शिक्षण संस्थान जेनिसिस क्लासिस के 14 विद्यार्थियों ने 500 से अधिक अंक प्राप्त कर देश विभिन्न उच्च कोटि के मेडिकल कालेजों में प्रवेश की पात्रता हांसिल की। करनाल में कार्तिक सिंह ने 622 अंक प्राप्त कर टापर रहा।

कार्तिक सिंह ने बताया कि वह बेहतर डाक्टर बनना चाहता है इसके लिए उसने अपने अभिभावकों के साथ जेनेसिस के शिक्षकों के मार्गदर्शन को जिम्म्ेादार बताया। इस संस्थान के छात्र कार्तिक सिंह ने 622 अंक के साथ 599 रेंक और दिक्षा भाटिया ने 615 अंक के साथ 808 रेंक प्राप्त करके सेक्टर-6 स्थित जेनिसिस और करनाल का नाम रोशन किया । इसके अलावा 12 अन्य विद्यार्थियों ने 500 से अधिक अंक प्राप्त किए।

भारतीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इस परीक्षा में देशभर से लगभग 12 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा का परिणाम आज घोषित किया गया। विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कुराहट दिखाई दी। विद्यार्थियों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुबारकबाद दी। जेनिसिस क्लासिस परिसर में उत्सव जैसा माहौल दिखाई दिया।

अपने संस्थान की सफलता पर हर्ष जताते हुए जेनिसस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत सिंह ने बताया कि यह विद्यार्थियों की मेहनत की जीत है। संस्थान ने कुछ ही वर्षों में सफलता के नए आयाम तय किए है।

करनाल सें इन विद्यार्थियों का हुआ चयन
जिन विद्यार्थियों का नीट में चयन हुआ। तथा जिन विद्यार्थयों ने 500 से अधिक अंक प्राप्त किया उनमें कार्तिक सिंह के 622, दिक्षा भटिया के 615, रिया गोयल के 579 ,सुगंधा  के 579 ,शुभम सलुजा के 569, नितिन कुमार के 552 अंक राहुल बिजू के 548 अंक,प्रगति वर्मा के 542, अभिषेक नारंग के 534, तुषार के 533 अंक धीरजा सचदेवा के 523 ,
नितिश के 516 अंक लवप्रीत 513 अंक, तथा एस .सी केटेगरी में नैन्सी के 424 अंक आए।
पोजीटिव एटीट्यूड और कठिन परिश्रम ने दिलाई नीट में सफलता 
आर्थोपेडीशियन बनना चाहता है कार्तिक
करनाल में नीट की परीक्षा में टापर रहा कार्तिक का सपना देश का टापर हड्डी रोग विशेषज्ञ बनना चाहता है। उसको डाक्टर बनने की प्रेरणा अपने पिता डा. बलबीर सिंह से मिली जो करनाल में डिप्टी सी.एम.ओ हैं। करनाल से अधिकतर नीट में चयनित बच्चों का कहना था कि उनको सफलता पाजीटिव एटीट्यूड ,कठोर परिश्रम और लक्ष्य आधारित पढ़ाई,शिक्षकों के प्रति समर्पण ने दिलाई।
सफल विद्यार्थियों से बात की। इनमें से कुछ ऐसे थे जिन्होंने पहली मर्तवा असफल रहने के बाद हिम्मत नहीं हारी और अगले प्रयास में सफल होकर दिखलाया। टापर रहे कार्तिक सिंह ने 622 अंक प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि वह आर्थोपेडिक डाक्टर बनना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय जेनेसिस क्लासिस को दिया। उनका कहना था कि उसके पिता बलवीर सिंह और माता का मार्ग दर्शन रहा।
कान्वेंट स्कूल के छात्र कार्तिक ने बताया कि वह अपने दोस्तों का भी शुक्रगुजार हैं। जेनेसिस ने उसे सफलता का मूल मंत्र दिया। बात चीत करते हुए दीक्षा भाटिया ने बताया कि वह न्यूरोसर्जन बनना चाहती हैं। नीट में 615 अंक प्राप्त करने वाली दीक्षा ने बताया कि उसने असफलता को गले से नहीं लगाया। उसको मोटीवेट करने में जेनेसिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने कहा कि जेनेसिस में जितेंन्द्र सिंह ने उसे कभी टूटने नहीं दिया।
रिया गोयल जिसने  579 अंक प्राप्त किए।  उसने बताया कि वह एंडोक्राइनोलोजिस्ट बनना चाहती हैं। उसके पिता जीवन दास गोयल एक व्यापारी हैं। उसने सफलता का श्रेय जेनेसिस को दिया। उसने बताया कि यहां पर बच्चे को जिस तरह से तैयार किया जाता हैं उससे बच्चा कभी निराश नहीं होता हैं।

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