April 24, 2024
आज 4 अगस्त 2017 पर्यावरण सरंक्षण समिति (पंजीकृत) करनाल द्वारा मदर डिवाईन पब्लिक स्कूल गांव घीड़ में पौधारोपण किया गया। स्कूल डायेरैक्टर मिसेज मिनाक्षी एवं प्रिंसीपल मिसेज रीना चौधरी ने पौधारोपण में मुख्य भुमिका निभाई। समिति सदस्यों, स्कूल स्टाफ एवं नन्हें-नन्हें बच्चों द्वारा स्कूल के विशाल प्रांगण में विभिन्न प्रकार के काफी संख्या में पेड़-पौधे लगाये गए। कुमारी शशी आर्या द्वारा बच्चों को पेड़-पौधों के लाभ बताए और स्वच्छता रखने के फायदे बताए गए। समिति अध्यक्ष एस.डी. अरोड़ा ने बताया कि पर्यावरण और प्रकृति का गहरा सम्बंध है। हमारे चारों ओर विद्यमान प्रकृति, जलवायु, वन, पेड़-पौधे और जीव-जन्तु आदि ही पर्यावरण कहलाता है।
जलवायु का दुषित होना ही प्रदुषण होता है। आज यह एक अर्तराष्ट्रीय समस्या है और इस बारे में यूएनओ लेवल पर पर्यावरण को सुधारने के उपाय किये जा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग के लिए विश्व की बढ़ती जनसंख्या मुख्यत: जिम्मेवार है। सन् 1947 में भारत की जनसंख्या 37 करोड़ थी जो अब बढक़र 130 करोड़ पार कर चुकी है। जब जनसंख्या बढ़ेगी तो खाने-पीने की वस्तुएं और रहन-सहन के लिए साधन भी ज्यादा चाहिएं। उनके लिए औद्योगिक विकास करना पड़ेगा और औद्योगिक विकास करने के लिए जमीन चाहिए। तो ज्यादा जमीन के लिए जंगल काटे जाते हैं। पेड़-पौधे कटेंगे तो ऑक्सीजन कम उत्सर्जित होगी। साथ ही कारखाने कार्बनडाईअक्साइड एवं गैंसे छोड़ेगे जिससे पर्यावरण में प्रदुषण बढ़ेगा। धरती हमारी माता है धरती के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। अन्न, जल, शाक-सब्जियां, सभी धातुएं, कोयला, पीतल, चांदी और डायमण्ड, हीरा, मोती, सोना आदि सब भु-मण्डल से मिलते हैं फिर हम धरती को बंजर करके खराब क्यों कर रहे हैं। अंत में मैं इतना ही कहना चाहुंगा कि ‘कदम चूम लेती है उसके, बढ़ करके मंजिल, इंसान अगर अपनी हिम्मत ना हारे, तो झुक जाते हैं उसके आगे धरती व अम्बर सारे’ आओ आज हम मातृभुमि से सच्चा प्यार करें और सुन्दर-सुन्दर पेड़-पौधे लगाकर इसका श्रृंगार करें।
ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगा कर पर्यावरण को सुन्दर बनायें।
आज इस अवसर पर डॉ. डी.एन. गांधी, एस.डी. अरोड़ा, आर.आर. अत्री, मिसेज पुष्पा सिन्हा, सुनीता कुमारी, कु. शशी आर्या, ओ.पी. सचदेवा, विनोद गुप्ता, अशोक ढींगड़ा प्रैजीडैंट आरडब्लयुए, राज कत्याल,  मिसेज मिनाक्षी, रीना चौधरी, सुनीता अत्री, स्कूल अध्यापकगण एवं बच्चे उपस्थित रहे।

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