April 20, 2024

समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्षा एडवोकेट संतोष यादव द्वारा चलाए जा रहे त्रिवेणी लगाने के पुण्य कार्य को आगे बढ़ाते हुएआज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन करनाल के प्रधान राकेश जिंदल के साथ नागरिक अस्पताल के पीएमओ पीयूष गोयल द्वारा नागरिक अस्पताल में 224वीं व 225वीं दो त्रिवेणियां लगाई गई। आईएमए ने समाधानांचल द्वारा त्रिवेणी लगाने के अभियान की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि आईएमए भविष्य में भी इसी प्रकार से त्रिवेणी लगाती रहेगी और उनका पालन-पोषण करेगी।

त्रिवेणी के बारे में अवगत करवाते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि यदि व्यक्ति अपने जीवन में एक बार त्रिवेणी लगाता है तो आने वाले कई पीढिय़ों को इसका लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि नीम, पीपल और बरगद इन तीनों को सामान गुणी होने के कारण त्रिवेणी कहा जाता है। नीम, पीपल और बड़ पर्यावरण को सबसे अधिक शुद्ध बनाते हैं। जैसे-जैसे त्रिवेणी बढ़ती है वैसे ही आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ेगी और आपके सभी कष्ट स्वत: मिट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं वही असल में जिंदगी है।

आईएमए के प्रधान राकेश जिंदल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेने चाहिए और त्रिवेणी लगाकर पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आना चाहिए। हमें अपने जीवन में एक बार त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए क्योंकि त्रिवेणी लगाने से मन एक अदभुत सुख की अनुभूति प्राप्त होती है। जब हम त्रिवेणी लगाते हैं और कई वर्षों बाद इस त्रिवेणी को एक वटवृक्ष के रुप में देखते हैं तो हमें इसकी असली महत्वत्ता का पता चलता है। हमें फिर वो दिन याद आते हैं जब हमने यह त्रिवेणी लगाई होती है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी प्रकृति का अनुपम वरदान तथा ईश्वर की अनोखी देन है। इसे धरती पर अमृततुल्य माना जाता है और इन तीनों के बिना जीवन अधूरा है।

इस अवसर पर रविंद्र संधू ने कहा कि त्रिवेणी से जहां लोगों को अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है वहीं यह जीवन का आधार माना गया है। पर्यावरण को बचाने एवं स्वच्छ ऑक्सीजन देने में त्रिवेणी की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे प्राचीन शास्त्रों में तीनों पौधों को ब्रह्म, विष्णु व महेश कहा जाता है। उन्होंने कहा कि वृक्ष ही मानव जीवन के लिए सबसे अधिक लाभदायक है जो मनुष्य को बहुत कुछ देते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि वे अपने घरों के आसपास भी पेड़ लगाकर उनकी रक्षा करें।

इस मौके पर रोहित गोयल ने कहा कि त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं एवं पितरों का वास माना जाता है। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है और आने वाली भावी पीढ़ी के लिए भी वरदान साबित होती है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण के प्रति हमें कटिबद्ध होने की जरुरत है। त्रिवेणी प्राणियो में प्राणो का संचार करती हैं और जब-जब पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा आती है तो इस आपदा को बचाने में त्रिवेणी सहयोग प्रदान करती है। इस अवसर पर रामदयाल, परमदयाल, सतबीर सिंह, नम्रता ठकराल, रोहित गोयल, रविंद्र संधू, एसपी सिंघल, सहर्ष सिंघल, गुरमीत सिंह, संजय, बलबीर, राजेश, रामदयाल बलड़ी आदि उपस्थित रहे।

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