March 29, 2024

25 अप्रैल को शुरू होने वाले खसरा रूबैला टीकाकरण अभियान के सफल आयोजन के लिए सिविल सर्जन के कार्यालय में सोमवार को जिला मीडिया संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डा0 अश्वनी कुमार ने की। इस मौके पर डीआईओ एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा०नीलम वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डा०राजेन्द्र कुमार,डा०अन्नु, डा०मंजू पाठक,डा०कैलाश तथा डा०राजेश गौरिया उपस्थित थे।

कार्यशाला में डा०अश्वनी ने बताया कि खसरा रूबैला टीकाकरण अभियान के दौरान यह टीका 9 माह से 15 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों को जरूर लगवाया जाना चाहिए। यह टीका इस आयु वर्ग के सभी बच्चों को बिना लैंगिक, जातीय, साम्प्रदायिक या धार्मिक भेदभाव के लगाया जायेगा। इसे स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों, ऑगनवाडी केन्द्रों और सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगाया जाएगा।

यह महत्वपूर्ण है कि इस अभियान के अन्तर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका लगाया जाना चाहिए, भले ही पहले उन्हे एम.आर./एम.एम.आर. का टीका दिया जा चुका हों। इस अभियान में लगाया गया यह टीका बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेंगा। खसरा-रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है एवं इसके कोई दुष्प्रभाव नही होते। यह टीका खसरे के साथ साथ रूबैला रोग में एक लम्बी अवधि की प्रतिरक्षा देता है।

इसे प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा लगाया जायेंगा। उनके द्वारा यह आहवान किया गया कि इस सामुहिक अभियान में सभी अघ्यापक व अभिभावक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

सिविल सर्जन डा0 अश्वनी कुमार ने बताया कि  खसरा एक जानलेवा रोग है जोकि वायरस द्वारा फैलता है। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। रूबैला एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते है। यह लडके या लडकी – दोनो को संक्रमित कर सकता है।

यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरूआती चरण में इससे संक्रमित हो जाये तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सी.आर.एस.) हो सकता है जोकि उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा खसरा को खत्म करने व रूबैला पर नियंत्रण करने के लिए देश में खसरा-रूबैला टीकाकरण अभियान 2017 से चलाया जा रहा है। यह अभियान अब तक 13 प्रदेशों मे पूरा किया जा चुका है, जिसमें 9 महीने से 15 साल तक के लगभग 6. 25 करोड बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल 2018 से हरियाणा प्रदेश में यह अभियान शुरू किया जा रहा है।

इस अभियान के अन्तर्गत खसरा तथा रूबैला के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के लिए खसरा-रूबैला (एम.आर.) का एक टीका स्कूलों तथा आउटरीच सत्रों में लगाया जायेगा। इस एम.आर. टीके को बाद में नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिला के करीब 4 लाख 19 हजार बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है,जिसे हर संभव पूरा कर लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.