March 19, 2024
  • बहन ने दिया हौसला, बॉक्सर नीरज ने मेडलों से भर दी झोली ,देखें पूरी खबर
  • करनाल से की थी अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत ,बाद में चंडीगढ़ पुलिस में लगी नौकरी

उभरते बॉक्सर नीरज के दमदार मुक्कों का विरोधियों के पास जवाब नहीं। चंडीगढ़ पुलिस का यह धाकड़ मुक्केबाज सैकड़ों युवाओं के लिए मिसाल है जो हर मुश्किल हालात से लडऩा जानता है। नीरज ने विभिन्न बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्टेट और नेशनल लेवल पर अभी तक 20 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। इतना ही नहीं, लगातार तीन साल तक स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल हासिल कर नीरज ने नया रिकॉर्ड बनाया है।

चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल नीरज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिंदगी में अगर टारगेट पर पैनी नजर और जीत की ललक हो तो इंसान को मंजिल जरूर मिलती है। हाल ही में नीरज ने मधुबन में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस चैंपियनशिप में चंडीगढ़ के लिए मेडल जीतकर खूब वाहवाही लूटी है।

बड़ी बहन मीना का योगदान

हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव लोहारी टिब्बा में जन्मे नीरज की सक्सेस स्टोरी काफी प्रेरणा भरी है। पांच बहनों के भाई नीरज की सफलता में बड़ी बहन मीना का खास योगदान है। छोटी उम्र में ही भाई नीरज के सपने को पूरा करने मीना उसे करनाल ले आई। पहली दो फाइट में हारने के बाद भी नीरज ने हौसला नहीं खोया और फिर कभी मुड़कर नहीं देखा। बहन की मेहनत को उन्होंने मेडलों से सम्मान दिया।

2013 से 2015 तक लगातार चंडीगढ़ स्टेट लेवल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2013 में नॉर्थ जोन चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले नीरज चंडीगढ़ पुलिस के अकेले खिलाड़ी थे। ऑल इंडिया पुलिस चैंपियनशिप में 2016, 17 और 18 में भी नीरज ने ब्रांच मेडल हासिल किए हैं। 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के बॉक्सर नीरज इसी साल अक्टूबर में होने वाली सीनियर नेशनल चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे हैं। नीरज के पिता लक्ष्मी नारायण पेशे से किसान और मां नारायणी देवी गृहिणी हैं।

ड्यूटी के साथ चार घंटे कड़ी प्रेक्टिस

2010 में चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल भर्ती हुए नीरज रूटीन ड्यूटी के साथ प्रतिदिन सुबह और शाम चार घंटे कड़ी प्रेक्टिस करते हैं। वह ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार को आदर्श मानते हैं। कई प्रतियोगिताओं में गंभीर चोट लगने के बाद भी इन्होंने बॉक्सिंग को नहीं छोड़ा। कहा कि खिलाड़ी कभी कभी हार से हताश नहीं होना चाहिए, यही जीत का मंत्र उनके गुरु ने दिया। नीरज एनआइएस से ट्रेनिंग कोर्स कर बॉक्सिंग सीखने के इच्छुक बच्चों को तैयार करेंगे। नीरज अपनी सफलता का श्रेय परिवार और कोच राजेश कुमार राजौंद को देते हैं। बॉक्सिंग की शुरुआती ट्रेनिंग करनाल से शरू की बॉक्सर नीरज पूरी तरह शाकाहारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.