March 29, 2024

हरियाणा गवर्नमैंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्करज यूनियन के बैनर तले आज जन स्वास्थय अभियांत्रिक के कर्मचारियों ने आज जन-स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग की जल-मल की योजनाएं नगरनिगम को हस्तांतरित करने के विरोध में शहर में जमकर प्रदर्शन किया और उपायुक्त आदित्य दहिया के माध्यम से हरियाणा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सभी कर्मचारी अधीक्षक अभियंता परिमंडल मॉडल टाऊप करनाल के कार्यालय से प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए डीसी कार्यालय तक जुलुस के रुप में पहुंचे, जहां उन्होंने नायब तहसीलदार राजबख्श सिंह को मांगों का ज्ञापन सौंपा।

ज्ञान में बताया गया कि जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग की पेयजल एवं सीवर के कार्यों को नगरनिगम को हस्तांतरित किया जा रहा है जबकि विभाग के पास इस कार्य के संचालन एवं रख-रखाव के पर्याप्त कर्मचारी है। इन्हें शुद्ध पानी की आपूर्ति करने का पूरा अनुभव है। इस विभाग के पास पर्याप्त संसाधन है इसलिए विभाग का कार्य नगरनिगम को सौंपा जाए।

यूनियन विभाग के परम्परागत कार्य को नगरनिगम को देने का पुरजोर विरोध करती है, क्योंकि नगरनिगम का कार्य अलग प्रकार का है। वहां पर जल आपूर्ति का कार्य प्रभावित होगा और जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी तथा कर्मचारियों की सेवाओं पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सरकार विभाग व लोकल बॉडी के विभाग की सेवा शर्ते  अलग प्रकार की हैं। इनकी वरिष्ठता सूची, पदोन्नति, सेवा शर्तें जैसे एसीपी व अन्य प्राप्त सुविधाएं भी प्रभावित होने की पूरी संभावना है। इसलिए इस प्रक्रिया पर तुरन्त रोक लगाई जाए।

कर्मचारियों को संबोधित करते हएु राज्य उपमहासचिव कृष्ण चन्द शर्मा, जिला सचिव धर्म बीर जांगङा, जिला प्रधान साहब सिंह धीमान व जिला प्रधान बलबीर शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सोनीपत व करनाल शहर की वाटर सप्लाई व सिवरेज  व्यवस्था को नगर निगम के हवाले करने जा रही है। जन स्वस्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने कर्मचारियो को निगम में एक साल के लिए डपूटेशन पर भेजने के लिए नियम व शर्ते लागू नहीं की गई।

कर्मचारियो की मांग है कि जिस प्रकार राज्य के कर्मचारियो को विभाग का कार्य करने के लिये जो सुविधाएं दी जाती थी वे यथावत् निगम मे भी दी जाएं। सरकार द्वारा बहुत सी ऐसी बातें थी जिन पर कर्मचारियो के साथ चर्चा होनी चाहिये थी लेकिन कर्मचारियो से कोई बातचीत नहीं की गई। जैसे पानी का रवैनयू कैसे लिया जाए व किस अकाउंट मे जमा करवाया जाए। सरकार जनता के लिए बनाए गए इन विभागों  को तोडऩा चाहती है और निजी हाथों मे सौंप  कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं। कर्मचारियो की मांग हैं की नगर निगम मे भेजने से पहले निगम व शर्ते बताई जाए। स्थानीय निकायो को देने का मतलब है कि पीने के पानी का जमकर दोहन करना है।

उन्होंने कहा कि पानी की बचत को लेकर यदि सरकार गम्भीर है तो जनता के लिए बनाए गए इन विभागों को अपने अधीन ही रखे तो सरकार जनता को बेहतर पानी की सुविधा दे सकती है। उन्होंने कहा कि करनाल शहर की वाटर सप्लाई व्यववस्था नगर निगम को हस्तांतरित कर दी तथा 173 कर्मचारीयो को बिना पूर्व सूचना के डेपुटेशन पर भेजने का निर्णय ले लिया है और न ही क़ोई नियम व शर्ते तय की गई।

इस अवसर पर जिला प्रधान सतपाल सरोहा, जिला सचिव धर्म बीर जांगड़ा, एसकेएस के ओम प्रकाश माटा, सुमेर चन्द, नरेश सैन, जयपाल, रणबीर फौर साधूराम, पवन शर्मा, सुभाष चन्द, राजीव शर्मा,ओम प्रकाश, लक्ष्मण, सुनील तूली, रोहताश आदि कर्मचारी ने भाग लिया।

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