April 23, 2024

द्वितीय विश्वयुद्ध में कमज़ोर पड़े अंग्रेज़ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई में आज़ाद हिन्द फ़ौज ने जो प्रहार किया,वह फिरंगियों के ताबूत में आख़िरी कील साबित हुआ । आई सी एस की नौकरी को ठोकर मारकर आज़ादी के संग्राम में छलांग लगाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज भी करोड़ों भारतीय युवाओं के मनों में आदर्श के रूप में अवस्थित हैं।

हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और निदेशक प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने भी नेताजी सुभाष जयंती के उपलक्ष में बुद्धा कॉलेज में आयोजित नवीन भारत शिक्षा संवाद में बतौर मुख्य वक्ता यह टिप्पणी की। चौहान ने कहा कि नेता जी सुभाष के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भी प्रभावी काम चल रहा है।वे बेहतरीन शिक्षा और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि के मुखर पक्षधर थे। इन मामलों में नेताजी के विचार आज भी सार्थक और उपयोगी है।

वीरेंद्र सिंह चौहान ने युवा शक्ति की का आवाहन किया कि वे नवीन भारत निर्माण के कार्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेकर स्वयं को समर्पित करें। चौहान ने कहा कि बेहतरीन भारत बनाने के लिए बेहतरीन करनाल का निर्माण आवश्यक है और बेहतरीन करनाल के निर्माण में शिक्षक और विद्यार्थी सबसे अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।इसके लिए पहले सुंदर सपना संजोने और फिर उस सपने को साकार करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।

बुद्धा कॉलेज ऑफ एजुकेशन रम्बा करनाल में आज दिनांक 23 जनवरी 2019 को महान क्रान्तिकारी भारतीय स्वतत्रंता सेनानी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती मनायी गई। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में सुशील कुमार शर्मा, निदेशक, नव ज्योति विद्या मन्दिर, सीनियर सैकेंडरी स्कूल करनाल तथा हरियाणा ग्रन्थ अकादमी से आशुतोष कौशल ने शिरकत की । कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ सरस्वती के अराधना के साथ प्रारम्भ हुआ।

इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य मौहम्मद रिजवान ने सुभाष चन्द्र बोस के जीवन पर प्रकाश डालते हुआ कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना ‘आई.एन.ए.’ की स्थापना की और अग्रणी द्वारा नेताजी नामक उपाधि अर्जित की । इन्होने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा दिया और आजाद हिन्द फौज का गठन किया । दृढ़ विचारों व सिद्धांतो के धनी सुभाष चन्द्र बोस मानते थे कि राष्ट्रीयवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शो ‘सत्यम शिवम् सुन्दरम’ से प्रेरित है।

कॉलेज निदेशक नितेश गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी के लिए क्रान्ति के इस महान नायक की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिली हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए। निदेशक महोदय ने नवीन भारत शिक्षा संवाद कार्यक्रम के माध्यम से देश के महा नायकों के विचारों को युवाओं तक पहुचने और स्वाध्याय से जोड़ने के लिए हरियाणा ग्रन्थ अकादमी का आभार प्रकट किया और विद्यार्थियों का पुस्तक प्रदर्शिनी का लाभ उठाने का आह्वान किया ।

इस अवसर पर कॉलेज के सभी शिक्षक-प्रशिक्षक व छात्र मौजूद रहे।

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