April 20, 2024

डीएवी पीजी कॉलेज में वाणिज्य विभाग की ओर से प्रबधंन, वित्त और अर्थशास्त्र में समकालीन मुद्दों विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लगभग 300 से अधिक बुद्धिजीवियों, प्रोफेसर्स, शोधार्थियों ने भाग लिया। सेमिनार में करनाल नगर निगम की मेयर रेणू बाला गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्यअतिथि का महाविद्यालय में पहुंचने पर कॉलेज प्राचार्य रामपाल सैनी, वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष लवनीश बुद्धिराजा ने स्टाफ सदस्यों सहित फूल का पौधा भेंट कर स्वागत किया।

प्राचार्य रामपाल सैनी ने सेमिनार में पंहुचे बुद्धिजीवियों, प्रोफेसर्स, शोधार्थियो का स्वागत करते हुए कहा कि भारत लगातार अपनी जीडीपी में वृद्धि कर रहा है। सरकार द्वारा लिये गए ठोस निर्णयों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत होने में सहयोग मिला है। अर्थव्यवस्था के मजबूत होने से रोजगार को बढ़ावा मिला है। उन्होने कहा कि व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मांग और पूर्ति में समन्वय होना बेहद जरुरी होता है। आरपी सैनी ने कहा कि जो व्ययसाय नवीनीकरण की ओर बढ़ेगा वही तरक्की करेगा।

कार्यक्रम के संयोजक वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष लवनीश बुद्धिराजा ने सेमिनार के विषय में जानकारी देते हुए वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के वाणिज्य विभाग के प्रो. अजय सुनेजा ने कहा कि यदि हमे आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो हमे वैश्विक स्तर पर नवीन रोजगारों का सृजन करना होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था आज के समय में उभरकर विश्वस्तर पर अपनी एक अलग पहचान बना रही है। हमें भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बाजार रणनीति को बढ़ावा देना होगा। क्योंकि किसी भी देश की तरक्की में अर्थव्यवस्था का मजबूत होना बेहद आवश्यक होता है।

सह अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमें पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से सुरेन्द्र कुमार नागिया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव से अर्थव्यवस्था का दायरा बढ़ा है। विश्व तकनीकी के वित्तीय प्रबधंक में विश्वस्तर पर विकास कर रहा है। वस्तुसेवा कर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नए पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। जिससे भारतीय वित्तीय प्रबधंक और अर्थव्यवस्था को वैश्विक परिदृश्य में अलग पहचान मिली है।

तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए जीएनके कॉलेज, यमुनानगर से एसोसिएट प्रो. संजय अरोड़ा ने कहा कि हम छोटे-छोटे प्रोजेक्ट के माध्यम से बड़ी-बड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रारुप दे सकते हैं। जिनसे हम आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में रोजगार को भी बढ़ावा देने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने शोधकर्ताओं को शुरुआती तौर पर सुक्ष्म प्रोजेक्ट पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में महिलाओं के सुक्ष्म वित्तीय योजनाओं में भागीदारी विषय पर बोलते हुए सह अध्यक्षता कर रही दयाल सिंह कॉलेज से वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्षा मुक्ता जैन ने कहा कि हम प्रबधंन, वित्तीय और आर्थिक रुप से महिलओं को सम़द्ध बनाने के लिए वित्तीय महिला मदद समूहों का गठन  कर उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकते हैं।

रिर्सोस पर्सन पूजा मल्होत्रा ने कहा कि ई-कॉमर्स, डिजिटल इंडिया, ई लिर्निग, डिजिटिल माकेॢटग, ई-रिटेलिंग के माध्यम से आधुनिक तकनीकों द्वारा भी योजनाओं और व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य रामपाल सैनी व कार्यक्रम के संयोजक वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष लवनीश बुद्धिराजा व अन्य सभी ने अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। धन्यवाद प्रस्ताव मोनिका मुवाल ने पढ़ा। मंच संचालन दीपिका कथूरिया व दीपिका दत्ता ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों सहित देश के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के विद्वान उपस्थित रहे।

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