April 24, 2024

हरियाणा के पूर्व मंत्री कर्ण देव काम्बोज ने इंद्री के हर्बल पार्क में चल रही योग कक्षा के लिए 70 योगा मैट प्रदान किए। पूर्व मंत्री खुद भी कई सालों से योग कर रहे हैं और योग की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पूर्व मंत्री कर्ण देव काम्बोज का योग साधकों को पूरा सहयोग रहता है। इंद्री से विधायक बनने के बाद जब वह मंत्री बने तो उन्होंने योग को बढ़ावा देने के लिए गांव मुरादगढ़ में 100 योगा मैट लोगों की सुविधाओं के लिए दिए।

वहीं पर चंडीगढ़ में सुखना लेक पर चल रही योग कक्षा में भी उन्होंने काफी संख्या में योग साधकों को मेट देकर योग के प्रति लोगों को जागरूक किया। पूर्व मंत्री कर्ण देव काम्बोज का कहना है कि यदि हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना है तो हमें योग को अवश्य अपनाना होगा। योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं क्योंकि योग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वहीं पर योग प्राणायाम से हमें मानसिक, आत्मिक व बौद्धिक बल भी मिलता है।

उन्होंने कहा योग हमारी प्राचीन पद्धति है जिसको हमारे ऋषि-मुनियों ने इजाद किया था। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत की देन है। भारत योग में विश्व गुरु है। उन्होंने कहा की प्राचीन जीवन पद्धति के लिए योग आज के परिवेश में हमारे जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकता हैं।

आज के प्रदूषित वातावरण में योग एक ऐसी औषधि है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है बल्कि योग के अनेक आसन जैसे कि शवासन हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है।

जीवन के लिए संजीवनी है कपालभाति प्राणायाम। भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करता है। वक्रासन हमें अनेक बीमारियों से बचाता है। उन्होंने कहा कि आज कंप्यूटर की दुनिया में दिनभर उसके सामने बैठे बैठे काम करने से अनेक लोगों की कमर में दर्द एवं गर्दन में दर्द की शिकायत एक आम बात हो गई है ऐसे में शलभासन तथा ताड़ासन हमें दर्द निवारक दवा से मुक्ति दिलाता है।

उन्होंने कहा कि उनका सदा यह प्रयास रहता है कि जहां पर भी योग कक्षा चले और उसके लिए जितनी भी संभव हो सके उसकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हरियाणा सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने योग कक्षाओं में जाकर के योग साधकों का हौसला बढ़ाने का काम किया।

इस अवसर पर इंद्री हर्बल पार्क कमेटी के पदाधिकारी भरत राम, योग शिक्षक मास्टर जसमेर सिंह आर्य व योग शिक्षक विजय काम्बोज मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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