April 16, 2024

भूमि की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने तथा निरन्तर पैदावारी बढ़ाने के लिये किसानों को समय-समय पर अपनी खेती योग्य भूमि की वैज्ञानिक जांच परख करवाना बेहद जरूरी है, इसी उदेश्य से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के लिए सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम लागू की है। यह बात मंगलवार को  हैफेड  के चेयरमैन एवं विधायक घरौण्डा हरविन्द्र कल्याण ने स्थानीय राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित किसानों और महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहीं।

विधायक ने आह्वान किया कि आज के समय की खेती वैज्ञानिक पद्धति से करने की है जिसमें भूमि और जल और इनका सदुपयोग  आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि किसान सामूहिक रूप से अपने उत्पाद यदि किसी ब्रांण्ड में बेचते हैं तो अकेले-अकेले बेचने की तुलना में उन्हें अधिक आर्थिक लाभ होगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि मृदा परीक्षण उपरान्त अपने सॉयल हैल्थ कार्ड को संभालकर रखें और वैज्ञानिक सिफ ारिशाों के अनुसार ही खेतों में उर्वरकों और सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग करें।

कार्यक्रम में डा0 आर.आर.बी. सिंह संस्थान के निदेशक ने बताया कि  लगभग 90 प्रतिशत खादय उत्पाद भूमि से ही पैदा होते हैं अत: बढ़ती हुई जनसंख्या की आने वाले समय में बढ़ती खाद्यान्नों की डिमांड को पूरा करने हेतू यह अत्याधिक अनिवार्य है कि कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बरकरार रखी जाए। उन्होंने गंभीरता से किसानों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि भूमि भी जिन्दा है और वह लगाई गई फ सलों के द्वारा खेतों में विभिन्न तत्वों की आने वाली कमी को फ सलों में आने वाली दिक्कतों से दर्शाती है अत: किसान परिवार समय-समय पर अपने खेतों की मृदा की जांच अवश्य करवाएं।

कार्यक्रम में सी.सी.एस. एच.ए.यू. उचानी  के क्षेत्रीय निदेशक डा. समर सिंह ने अपने संबोधन में बल दिया कि किसान खेती में विविधीकरण तथा बदल-बदल कर फसलें लगायें ताकि भूमि की सेहत अच्छी बनी रहे। डा. दलीप गोसांई अध्यक्ष, के.वी.के. ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस वर्ष  विश्व मृदा दिवस का ध्येय  है कि पृथ्वी ग्रह का ध्यान रखने की शुरूआत धरातल से ही हो अत: इस संदर्भ में अत्याधिक अनिवार्य है कि प्रत्येक नागरिक अपने ग्रह को बचाने के लिये हर संभव प्रयास करें । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में यमुनानगर, जींद, पानीपत, कुरूक्षेत्र, झज्जर तथा स्थानीय जिला के 37 गांवों के किसानों और महिलाओं ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों को गोसांई ने आहवान किया कि वह आज सीखी गई बातों को अपने-अपने गांव में अन्य लोगों के साथ भी अवश्य सांझा करें।

इस अवसर पर डा. विजय अरोड़ा, प्रधान वैज्ञानिक, सी.सी.एस. एच.ए.यू. उचानी  तथा डा. आर.के. यादव, प्रधान वैज्ञानिक, सी.एस.एस.आर.आई के द्वारा कृषि योग्य भूमि की सेहत सुधार, रख-रखाव एवं सॉयल हैल्थ कार्ड के लाभ संबंधित जानकारी दी कार्यक्रम में कुछ किसानों को मुख्य अतिथि ने सॉयल हैल्थ कार्ड भी वितरित किए। इस मौके पर डा. बिमलेश मान, संयुक्त निदेशक, इलम सिंह प्रधान किसान क्लब, हरप्रीत सिंह, जगत राम, राजेश, विक्रम, धर्मपाल, सुभाष, सतीश का बोज तथा गांव स्टोण्डी, बीजना,बडौता की महिलाएं उपस्थित थी।

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