April 23, 2024

( रिपोर्ट – कमल मिड्ढा ): करनाल इंद्री यमुनानगर स्टेट हाईवे को फोरलेन बनाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है ! पहले ही यह सड़क हादसों के मामले में संवेदनशील थी, लेकिन अब यह अतिसंवेदनशील हो चुकी है ! वही दूसरी तरफ चिंता की बात यह है कि इस सड़क पर ना हादसा रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं और ना हादसे के बचाव कार्य के लिए कोई विशेष प्रबंध हुए हैं !

अलबत्ता हादसे में घायल होने वालों को राहगीरों का ही आसरा रहता है ! प्रशासनिक मदद आने से पहले ही पीड़ित अस्पताल तक पहुंच जाते हैं या फिर राहगीर उन्हें अस्पताल तक लेकर जाते हैं ,वही क्रेन और पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने की वजह से जाम भी लग जाता है ,इससे भी लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है !

करनाल के बलड़ी बाइपास से लेकर इंद्री तक 19 किलोमीटर का सफर जान जोखिम में डालकर पूरा करने को वाहन चालक मजबूर हैं ! इस सड़क को फोरलेन करने का काम तय समय पर देरी से चल रहा है, कुछ जगहों पर सड़क दोनों ओर से खुदी हुई है तो कुछ जगह पर एक जगह से खुदाई की गई है !

लिहाजा इस सड़क पर कदम कदम पर खतरा है ! वही इन दिनों धुंध के दिनों में यह खतरा और भी कई गुना बढ़ जाता है ,इस बात को प्रशासन भी स्वीकार करता है कि यह सड़क हादसों के लिए बेहद संवेदनशील हो चुकी है बावजूद इसके इस सड़क पर हादसे के बाद बचाव को लेकर कोई इंतजाम नहीं है और ना ही सड़क का निर्माण तेजी से करवाकर हादसे से रोकने की दिशा में गंभीरता से काम किया जा रहा है ! ना ही सड़क की दोनों ओर अच्छी तरह से बैरीके¨टग करवाई गई है, कुछ जगहों पर मिट्टी की बोरियां रखकर कर्तव्य की इतश्री जरूर की जा रही है !

एंबुलेस और क्रेन नहीं आती समय पर

हादसे के बाद सबसे पहले जरूर मेडिकल हेल्प की होती है ! मेडिकल हेल्प समय पर मिलने से गंभीर रूप से घायल लोगों की जान को बचाया जा सकता है, लेकिन इस संवेदनीशल सड़क पर हादसों की बढ़ती संख्या के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सरकारी एंबुलेंस तैनात नहीं रहती !

हादसे के बाद घायल एंबुलेंस की हेल्पलाइन नंबर 108 पर फोन करते हैं, इसके बाद ही एंबुलेंस पहुंचती है ! इस सड़क के बीच में कहीं भी एंबुलेंस तैनात की जा सकती है, यही पर क्रेन भी खड़ी होनी जरूरी है, जिससे कि एंबुलेंस के साथ ही क्रेन भी मौके पर पहुंच जाए और तुरंत क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाकर यातायात को सुचारू कराया जा सके !

बस हादसे की कहानी, घायलों की जुबानी

बस कल सुबह करनाल अड्डे से निकली ही थी सब ठीक चल रहा था ! सर्दी होने की वजह से हर कोई खुद में ही लिपटा था ! फिर अचानक तेज धमाका जैसा हुआ ,लगा बस में भूचाल आ गया ! जो सीट पर थे, पलक झपकते ही एक-दूसरे के उपर पड़े थे, सामान बिखर गया ! वही कुछ यात्री सीटों में फंसे तो कुछ के ऊपर सामान आ गिरा ! रोने और चीखने की आवाज और ज्यादा डर पैदा कर रही थी ,तकरीबन पांच मिनट तो ऐसे थे, जैसे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया !

हर कोई बस ऐसे ही पड़ा था,करनाल इंद्री रोड पर रंबा के नजदीक बस नंबर एचआर55डब्ल्यू3182 पलट गई ! बस में सवार एक यात्री ने बताया कि समझ में ही नहीं आ रहा था कि करना क्या है ? उन्होंने बताया कि कई यात्रियों के सिर आगे की सीट से टकरा गए थे ! एक दो को खून भी आ रहा था ,वही ठंड की वजह से चोट का अहसास भी ज्यादा हो रहा था ! ग्रामीण व सामने रंबा पुलिस चौकी से पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो चला बचाव अभियान

क्योंकि बस पलट गई ! अंदर कांच टूट कर बिखरा गया था, यात्री बाहर निकल नहीं पा रहे थे ! ऐसे में आसपास के लोग तुरंत मौके पर आए ! उन्होंने यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की ! घायलों को सड़क किनारे ही लेटाया गया ! ग्रामीणों ने बताया कि बस के अंदर यात्री डरे हुए थे, कई तो चल भी नहीं पा रहे थे ! उन्हें बाहर निकालने में खासी दिक्कत आई, बस के आगे का शीशा भी टूट गया था ,यहां से भी यात्री निकाले गए !

बस रोकने की कोशिश की पर कामयाबी नहीं मिली

सवारियों ने बताया कि बस की स्पीड ज्यादा नहीं थी ! सामने से ट्रक आता देखकर ड्राइवर ने बचाव की पूरी कोशिश की, टक्कर लगने के बाद अनियंत्रित बस को रोकने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली ! बस पलटते हुए एक ओर घिसटती चली गई , सवारियों ने बताया कि यदि बस की स्पीड थोड़ी सी भी ज्यादा होती तो हादसा बहुत बड़ा हो सकता था !

हादसा हमारे लिए तो रोज की बात

ग्रामीणों ने बताया कि इस रोड पर हादसा तो अब रोज की बात हो गई है ! यहां कभी कार तो कभी बाइक सवार और कभी बस टकरा ही रहे हैं ! इसलिए अब बचाव कार्य करना उनके लिए रोजमर्रा का काम हो गया है, उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो किसी घायल को देख कर डर लगता था ,पर यहां तो हर रोज ही हादसा हो रहा है, हादसों ने उन्हें ऐसा बना दिया है कि वे बचाव कार्य पूरा कर हादसे को भूल जाते हैं !

खनन माफियाओं का इस सिंगल स्टेट हाईवे पर राज

वही सूत्रों की माने तो यमुनानगर और इंद्री के कुछ स्थानीय नेताओं की खनन माफियाओं से अच्छी सांठ गाँठ है जिसके चलते वह भी नहीं चाहते की इस रोड़ को जल्दी फॉर लेन किया जाये ,क्यूंकि अगर यह रोड़ फोर लेन होती है तो रोड़ के बिच में डिवाईडर देना होंगा और तब इन ओवरलोड व हैवी वेहिकल्स के लिए रूट को डाईवर्ट कर कुरुक्षेत्र से नेशनल हाईवे पर उतारा जा सकता है जिसमे सीधे तोर पर वह चेकिंग में फंस सकते है !

वही इंद्री यमुनानगर स्टेट हाईवे से RTA व खनन विभाग के कई अधिकारियों की भी होती है सीधी सांठ गाँठ जिस कारन खुले आम यह ओवरलोड व खनन के ट्रक यमुनानगर के रास्ते से होते हुए आसानी से करनाल से मेरठ रोड़ की तरफ क्रॉस हो जाते है ,वही जब यह मामला कुछ दिन किसी हादसे के बाद मिडिया में उछलता है तो खानापूर्ति के लिए RTA विभाग कुछ वाहनों को जब्त कर यह दिखाने की कोशिश करता है की वह चेकिंग भी करते है !

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