March 28, 2024
करनाल, महाप्रभावी महाचमत्कारी श्री घण्टाकर्ण महावीर देव तीर्थस्थान पर विशेष कृपा दिवस काली चौदस के उपलक्ष्य में आयोजित मासिक श्रद्धालु संगम में श्रद्धा-भक्ति तथा समर्पण का अनूठा त्रिवेणी संगम दृष्टिगोचर हुआ। रविवार होने के कारण श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। सूर्योदय से सूर्यास्त तक दैवी कृपा से अपनी समस्याओं के निवारण और मनोरथों की पूर्ति हेतु आशा तथा उम्मीद की डोर से बंधे भक्तों का भारी जमावड़ा रहा। श्री घण्टाकर्ण बीजमंत्र के सामूहिक जाप से देवता का आह्वान करते हुए सभी के मंगल एवं कल्याण के लिए उनकी कृपा की याचना की गई। साध्वी जागृति, अजय गुप्ता, निशा जैन, प्रवीण जैन, अनिता जैन, सुनीता आदि ने अपने भक्ति गीतों से धूम मचाई और सभी को भाव विभोर कर मस्ती में झूमने पर मजबूर कर दिया।
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, है यह पावन भूमि यहां बार-बार आना, मेहरां वालिया दादा रक्खी चरणां दे कोल, घण्टाकर्ण दादा ने जब से पकड़ा है मेरा हाथ आदि भक्तिगीतों ने भक्ति की गंगा में सबको आत्मस्नान कराया।
विदुषी महासाध्वी श्री प्रमिला जी महाराज ने कहा कि श्री घण्टाकर्ण देव नवग्रहों की प्रतिकूलता को अनुकूल करने की शक्ति रखने वाले प्रकटप्रभावी देव हैं जिनकी साधना वात, पित्त तथा कफ जन्य रोगों का नाश करती है, शासकीय संकटों का निवारण करती है, वाणव्यन्तर देवों के उपसर्ग से छुटकारा दिलाती है, अग्रि तथा चोरका भय दूर करती है। इनकी उपासना दुष्ट-दुर्जनों के षड्यंत्रों को विफल करती है, मनोरथों को पूरा करती है, सभी प्रकार से रक्षा करती है, आकस्मिक संकटों से बचाती है। इनका नाम सुमिरन यश-कीर्ति, प्रतिष्ठा प्रदान करता है तथा दुर्घटनाओं से ढाल की तरह बचाव करता है। श्री घण्टाकर्ण देव की कृपा मिल जाने पर शरीर कंचन के समान निरोग हो जाता है, विद्या मिलती है तथा शरीर के चारों ओर एक ऐसा रक्षा कवच बन जाता है जो हर मुसीबत से बचाता है।
उन्होंने आगे बताया कि श्री घण्टाकर्ण देव सच्चे हृदय से अपने को पुकारने वाले भक्त पर निहाल होकर उस पर रहमत बरसाते हैं और सभी याचकों को उनका अभीष्ट प्रदान करते हैं। अन्त में महाप्रभावी बृहत् घण्टाकर्ण स्रोत सुनाया गया।
आरती तथा प्रीतिभोज की सेवा का लाभ पवन जैन परिवार ने लिया। श्री घण्टाकर्ण देवता के जयनादों से सारा दिन मंदिर परिसर गूंजता रहा और जैन समाज के अतिरिक्त अन्य वर्गों के श्रद्धालुओं की भी विपुल उपस्थिति इस तीर्थस्थान के प्रति बढ़ रही भक्ति-भावना का जीता-जागता उदाहरण प्रस्तुत कर रही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.